मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले के सात आरोपियों में से एक के खाते से ‘बड़ा’ वित्तीय लेनदेन किया गया। एक बैंककर्मी ने पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत में सुनवाई के दौरान यह कहा।
बैंककर्मी, सीमा शुल्क विभाग के एक अधिकारी और एक मजिस्ट्रेट ने इस्लामाबाद की आतंक रोधी अदालत (एटीसी) में अपने बयान दिए। अदालत इस समय रावलपिंडी के अडियाला जेल में बंद कमरे में इस मामले की सुनवाई कर रही है।
अदालत के एक सूत्र ने सुनवाई के बाद कहा-‘बैंककर्मी ने अदालत को शाहिद जमील के खाते से बड़ी धनराशि के लेन देन की जानकारी दी। उसने इसे लेकर अदालत में दस्तावेजी सबूत पेश किए।’
इससे पहले अभियोजन पक्ष ने जमील के पैसे का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए करने की बात साबित की थी। सूत्र ने बताया कि कराची के सीमा शुल्क अधिकारी ने कथित आतंकवादियों द्वारा मुंबई पहुंचने के लिए इस्तेमाल की गई नावों को लेकर अदालत में सबूत दिए।
मुंबई हमले के मुख्य साजिशकर्ता और लश्कर ए तैयबा के सदस्य जकीउर रहमान लखवी, अब्दुल वाजिद, मजहर इकबाल, सादिक, शाहिद जमील, जमील अहमद और युनूस अंजुम को हमलों में उनकी कथित भूमिका के लिए 2009 में गिरफ्तार किया गया था। हमले में 166 लोग मारे गए थे और 300 से अधिक घायल हुए थे।
55 साल के लखवी को पिछले साल दिसंबर में जमानत दे दी गई और इसके बाद उसे इस साल दस अप्रैल को अडियाला जेल से रिहा कर दिया गया। लाहौर हाई कोर्ट के सार्वजनिक सुरक्षा अधिनियम के तहत लखवी को हिरासत में लेने के सरकार के आदेश को निरस्त करने के बाद उसे रिहा किया गया। वह इस समय जमानत पर रिहा है और किसी अज्ञात जगह पर रह रहा है।
लगातार ब्रेकिंग न्यूज, अपडेट्स, एनालिसिस, ब्लॉग पढ़ने के लिए आप हमारा फेसबुक पेज लाइक करें, गूगल प्लस पर हमसे जुड़ें और ट्विटर पर भी हमें फॉलो करें