अमेरिका ने उम्मीद जताई है कि हमास जल्द ही अपनी कैद से बच्चों और महिलाओं को छोड़ देगा। इसके बदले में इजरायल पांच दिनों के लिए युद्ध को रोक देगा। एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए जो बाइडेन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका, इजरायल और हमास के बीच एक अस्थायी समझौता हुआ है। इस समझौते के मुताबिक हमास बंधक महिलाओं और बच्चों को छोड़ेगा।
व्हाइट हाउस ने पहले कहा था- प्रयास जारी
मीडिया रिपोर्ट में उच्च स्तरीय सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि यह समझौता अंतिम दौर में है। खुद राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इसका संकेत दिया। उन्होंने कहा, “मुझे भी ऐसा भरोसा है।” हालांकि रविवार को व्हाइट हाउस के प्रवक्ता ने इससे इनकार किया था। प्रवक्ता ने कहा था कि ऐसे किसी समझौते तक नहीं पहुंचे हैं, लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं।
इजरायल ने मीडिया रिपोर्ट को बताया गलत
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने भी सोमवार को इस तरह के किसी समझौत को साफ खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था कि मीडिया में जो खबरें चल रही हैं, वह सही नहीं हैं। दोनों पक्षों में चल रहे युद्ध में अब तक हजारों लोगों की मौत हो चुकी है और गाजा पट्टी समेत कई शहरों में भारी नुकसान हुआ है। कई इमारतें, सरकारी और निजी संपत्ति बर्बाद हो गई।
कतर के पीएम बोले- डील अंतिम दौर में है
दूसरी तरफ कतर के प्रधानमंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी ने समझौते की पुष्टि की थी और साफ किया था कि यह अंतिम दौर में हैं। उन्होंने कहा था कि कुछ छोटी और व्यावहारिक मुद्दे हल करने हैं।
दूसरी तरफ भारत ने जारी इजराइल-हमास संघर्ष के बीच मानवीय आधार पर युद्ध विराम के प्रयासों के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन प्रयासों की भी सराहना की है जिनका उद्देश्य तनाव कम करना और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करना है। गाजा पट्टी में मानवीय दशा को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा में पूर्ण सत्र की अनौपचारिक बैठक में संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि राजदूत रुचिरा कंबोज ने सोमवार को जोर देकर कहा कि भारतीय नेतृत्व का संदेश ‘‘स्पष्ट और सुसंगत’’ रहा है।
कंबोज ने कहा, ‘‘भारत अंतरराष्ट्रीय समुदाय के उन सभी प्रयासों का स्वागत करता है जो संघर्ष को कम करने के लिए हैं और फलस्तीन के लोगों को तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने को सक्षम बनाते हैं।’’