हांगकांग में सैकड़ों प्रदर्शनकारी सोमवार (एक जुलाई, 2019) शाम संसद भवन में घुस गए। उन्होंने उस दौरान इमारत में तोड़फोड़ की और वहां की दीवारों को भित्तचित्रों (ग्रैफिटी) से रंग दिया। ऐसा तब हुआ, जब हांगकांग के चीन को सौंपने की वहां सोमवार को सालगिराह मनाई गई। हालांकि, इससे हांगकांग में राजनीतिक अव्यवस्था गहरा गई।
सरकार चीन को प्रत्यर्पण के लिए एक विधेयक लाई है, जिसका बड़े पैमाने पर तीन हफ्तों से विरोध हो रहा है। वैसे, इस विधेयक को अब ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। हजारों लोकतंत्र प्रदर्शनकारियों ने सोमवार दोपहर को एक और शांति मार्च निकाला और मांग की कि शहर की बींजिंग समर्थक नेता इस्तीफा दें।
रैली पर नकाबपोश युवाओं के एक समूह ने कब्जा कर लिया और पुलिस के साथ टकराव किया तथा संसद की सुरक्षा को तोड़कर अंदर घुस गए। संसद के अंदर घुसने के बाद उन्होंने शहर के नेता की तस्वीर को फाड़ दिया तथा मुख्य कक्ष में ब्रिटेन के औपनिवेशिक काल का झंडा लहरा दिया तथा दीवारों को रंग दिया। वहां के हालात देखकर ऐसा लग रहा था मानो पुलिस ने घुटने टेक दिए हैं।
सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे कार्रवाई करने को मजबूर हैं क्योंकि शहर के बीजिंग परस्त नेताओं ने प्रत्यर्पण कानून के खिलाफ मार्चों के बाद जन भावनाओं को नजÞरअंदाज किया। 26 साल के एक प्रदर्शनकारी जोइए ने एएफपी से कहा, ‘‘हमने मार्च निकाले, धरने दिए लेकिन सरकार को कोई फर्क नहीं पड़ा।’’
उन्होंने कहा, “हम सरकार को दिखाना चाहते हैं कि हम हाथ पर हाथ रखकर बैठे नहीं रहेंगे।” वहीं, एक अन्य प्रदर्शनकारी बोला, ‘‘हम जानते हैं कि यह कानून का उल्लंघन है लेकिन हमारे पास कोई अन्य विकल्प नहीं था।’’ हांगकांग में इस बात का अंदेशा है कि शहर के बीजिंग परस्त नेताओं के साथ मिलकर चीन शहर की स्वतंत्रता को कम कर रहा है।
इसी बीच, सरकार ने एक बयान जारी कर प्रदर्शनकारियों के संसद भवन में घुसने की आलोचना की और प्रदर्शनकारियों पर हिंसा फैलाने का आरोप लगाया। बयान में कहा गया है कि हिंसा करके प्रदर्शनकारी ‘लेजिस्लेटिव काउंसिल कॉम्प्लैक्स में घुस गए हैं। हांगकांग को एक जुलाई 1997 को ब्रिटेन ने चीन को वापस कर दिया था और ‘एक देश, दो व्यवस्था’ के तहत यहां पृथक शासन व्यवस्था है।
हांगकांग की मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैरी लाम ने सोमवार तड़के झंडा रोहण समारोह में हिस्सा लिया। आज हांगकांग के चीन को सौंपे जाने की 22वीं सालगिराह है। उनके भाषण में नरमी दिखी। उन्होंने कहा, ‘‘एक राजनेता के तौर पर मुझे लोगों की भावनाओं की जानकारी होनी चाहिए।’’