आर्थिक बदहाली के हालात से गुजर रहे पाकिस्तान में एक और संकट आ गया है। यहां दिल की बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी हेपरिन इंजेक्शन खत्म हो गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इंजेक्श के स्टॉक में भारी कमी आई है। सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल हेपरिन इंजेक्शन की शॉर्टेज से गुजर रहे हैं। इस बीच इंजेक्शन की ब्लैक मार्केटिंग भी शुरू हो गई है और एक इंजेक्शन 5 गुना ज्यादा कीमत पर बेचा जा रहा है। हालांकि, दिल की बीमारी से जूझ रहे गरीब इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं क्योंकि वे ब्लैक में इंजेक्शन खरीब पाने में असमर्थ हैं।
3000 रुपये पहुंची 600 रुपये के इंजेक्शन की कीमत
एएनआई ने डेली दुनिया के हवाले से बताया कि इंजेक्शन की शॉर्टेज के चलते इसकी ब्लैक में बिक्री शुरू हो गई है और जो इंजेक्शन 600 रुपये में मिलता था अब उसकी कीमत 3000 रुपये पहुंच गई है। गरीबों पर इसका सबसे ज्यादा असर पड़ रहा है क्योंकि वे इतना महंगा इंजेक्शन नहीं खरीद पा रहे हैं।
चरमराया हेल्थकेयर सिस्टम
पाकिस्तान इस समय आर्थिक बदहाली के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में हेल्थकेयर सिस्टम काफी बुरी तरह से प्रभावित हुआ है। इसके चलते मरीजों को जरूरी दवाईयां और चिकित्सा सुविधाएं मुहैया नहीं हो पा रही हैं। फरवरी में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के कारण घरेलू उत्पादन में उपयोग की जाने वाली आवश्यक दवाओं या सक्रिय फार्मास्युटिकल सामग्री (एपीआई) को आयात करने की पाकिस्तान की क्षमता खराब हो गई है। देश में एनेस्थेटिक्स, इंसुलिन, पैनाडोल, ब्रूफेन, डिस्प्रिन, कैलपोल, टेग्रल, निमेसुलाइड, हेपामेर्ज, बुस्कोपैन और रिवोट्रिल सहित आवश्यक दवाओं की कमी है।
रिपोर्ट में कहा गया कि दवाओं और चिकित्सा उपकरणों की कमी के कारण डॉक्टर सर्जरी नहीं कर पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में देश भारत और चीन पर निर्भर है। पाकिस्तान में ज्यादातर दवा निर्माण आयात पर निर्भर हो गया है।