Harvard University Sues Trump: हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा है कि उसने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन के खिलाफ फेडरल कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराया है। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा है कि वह सरकार की मांगों के आगे नहीं झुकेगी। इसके कुछ ही घंटों बाद ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय को केंद्रीय फंडिंग के तहत मिलने वाली अरबों डॉलर की राशि पर रोक लगा दी।

इस मामले को समझते हैं कि आखिर क्यों हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अदालत के दरवाजे तक जाना पड़ा?

ट्रंप प्रशासन ने लिखा था हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को पत्र

ट्रंप प्रशासन ने 11 अप्रैल को हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को पत्र लिखकर कहा था कि विश्वविद्यालय में बड़े पैमाने पर सुधार करने और एडमिशन के लिए बनी नीतियों में बदलाव किए जाने की जरूरत है। प्रशासन ने कहा था कि यूनिवर्सिटी में कुछ स्टूडेंट्स क्लब को मान्यता नहीं दी जानी चाहिए।

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ट्रंप प्रशासन ने हावर्ड से कहा था कि वह यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करने वाले लोगों पर सख्त अनुशासन लागू करे और ऐसे विदेशी छात्रों की जांच करे जो अमेरिका के ‘मूल्यों’ को नहीं मानते। प्रशासन ने कहा था कि वह अपनी हर फैकल्टी और स्टूडेंट बॉडी का ऑडिट करे। लेकिन हावर्ड के अध्यक्ष एलन गार्बर ने इसका जोरदार जवाब दिया और कहा कि वह सरकार की मांगों के आगे नहीं झुकेंगे।

इसके बाद ट्रंप प्रशासन ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को मिलने वाली 2.2 बिलियन डॉलर से अधिक की ग्रांट को रोक दिया।

क्या कहा है मुकदमे में?

इसके बाद हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अमेरिका की बोस्टन फेडरल कोर्ट में मुकदमा दायर कर दिया। यूनिवर्सिटी की ओर से दायर मुकदमे में कहा गया है, “सरकार ने इस बात को भी स्वीकार नहीं किया है कि फेडरल रिसर्च फंडिंग में अरबों डॉलर की रोक से हार्वर्ड के रिसर्च कार्यक्रमों, इसके लाभार्थियों, इनोवेशन और प्रगति पर अहम परिणाम होंगे।”

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इससे पहले ट्रंप ने अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर कहा था कि अगर यूनिवर्सिटी राजनीतिक, वैचारिक और आतंकवाद से प्रेरित/समर्थक ‘बीमारी’ को बढ़ावा देना जारी रखती है तो क्या यूनिवर्सिटी को मिलने वाली छूट का स्टेटस खत्म हो जाना चाहिए?

ट्रंप प्रशासन ने विश्वविद्यालय को इस बात के लिए भी धमकाया था कि वह विदेशी छात्रों को यूनिवर्सिटी में दाखिला न दे।

हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष गार्बर ने कहा कि हम उन बातों या मूल्यों के साथ खड़े हैं जिन्होंने अमेरिका को दुनिया में हायर एजुकेशन के मामले में एक बड़ी रोशनी बनाया है। उन्होंने कहा कि हम सरकारी दखल के बिना समाज में जो हमारी भूमिका है, उसे पूरा करते हैं।

गार्बर ने कहा कि इसी तरह हम एकेडमिक एक्सीलेंस हासिल करते हैं और रिसर्च भी करते हैं और यही हमारे देश और उसके लोगों को एक बेहतर भविष्य की ओर ले जाता है।

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