अमेरिका में भारतीय मूल के इंजीनियर हर्षवर्धन सिंह ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी दावेदारी की घोषणा की है। वह निक्की हेली और विवेक रामास्वामी के बाद भारतीय मूल के तीसरे व्यक्ति बन गए हैं, जिन्होंने 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति बनने के लिए रिपब्लिकन पार्टी में अपनी दावेदारी पेश की है। सिंह (38) ने ट्विटर पर एक वीडियो संदेश में कहा कि वह आजीवन रिपब्लिकन और अमेरिकी हितों को तवज्जो देने वाला शख्स रहे हैं, जिन्होंने न्यू जर्सी रिपब्लिकन पार्टी के एक रूढ़िवादी विंग को बहाल करने के लिए काम किया।
सिंह ने वीडियो संदेश में कहा- मजबूत नेतृत्व की जरूरत
सिंह ने तीन मिनट के अपने वीडियो में कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों में हुए बदलावों को पलटने और अमेरिकी मूल्यों को बहाल करने के लिए हमें मजबूत नेतृत्व की जरूरत है। इसीलिए मैंने 2024 में अमेरिका के राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन की दौड़ में उतरने का फैसला किया है।’
सिंह ने संघीय चुनाव आयोग के समक्ष आधिकारिक तौर पर अपनी उम्मीदवारी दाखिल की
‘द हिल’ अखबार की शुक्रवार की खबर के अनुसार, उन्होंने गुरुवार को संघीय चुनाव आयोग के समक्ष आधिकारिक तौर पर अपनी उम्मीदवारी दाखिल की। सिंह से पहले, साउथ कैरोलाइना की पूर्व गवर्नर हेली (51) और करोड़पति उद्यमी रामास्वामी (37) ने इस साल की शुरुआत में शीर्ष अमेरिकी पद के लिए रिपब्लिकन पार्टी से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की थी।
पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुकाबला करेंगे
वे पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुकाबला करेंगे, जो कानूनी चुनौतियों का सामना करने के बावजूद 2024 के लिए रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन की दौड़ में आगे हैं। रिपब्लिकन पार्टी राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवार को औपचारिक रूप से चुनने को लेकर 15-18 जुलाई, 2024 तक मिल्वौकी, विस्कान्सिन में बैठक करेगी। सिंह 2017 और 2021 में न्यू जर्सी के गवर्नर के लिए, 2018 में प्रतिनिधि सभा की सीट के लिए और 2020 में सीनेट के लिए रिपब्लिकन प्राइमरी में मुकाबले में शामिल रहे, लेकिन रिपब्लिकन पार्टी की ओर से नामांकन पाने में असफल रहे। गवर्नर पद के लिए दावेदारी में सिंह तीसरे स्थान पर रहे।
सिंह ने खुद को राष्ट्रपति पद के लिए एकमात्र शुद्ध उम्मीदवार बताया, क्योंकि उन्होंने कभी कोविड टीकाकरण नहीं कराया। एअरोस्पेस इंजीनियर हर्षवर्धन ने एक वीडियो में कहा है कि अमेरिका के लोग टेक और दवा कंपनियों के भ्रष्टाचार का सामना कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अमेरिका के पारिवारिक मूल्यों और माता पिता के अधिकार पर सीधा हमला किया जा रहा है। बड़ी दवा कंपनियां जहां सरकार के साथ मिलकर सभी लोगों को प्रायोगिक वैक्सीन लगाने को मजबूर कर फायदा कमा रही है। वहीं, तकनीकी कंपनियां हमारी निजता को निशाना बना रही हैं।