मुम्बई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद की अगुवाई वाले जमात उद दवा के कार्यकर्ता आईएसआईएस से जुड़ रहे हैं तथा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में इस आतंकवादी संगठन के एक ठिकाने से उनमें से आठ लोगों को सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया है। डॉन अखबार ने खुफिया रिपोर्ट और अधिकारियों का हवाला देते हुए खबर दी, ‘‘गिरफ्तार आईएसआईएस आतंकवादी पहले हाफिज सईद के जमात-उद-दवा के कार्यकर्ता थे।’’ अधिकारियों ने बताया कि खुफिया एजेंसियों और पंजाब के आतंकवाद निरोधक विभाग के कर्मियों की संयुक्त टीम ने एक गुप्त सूचना के आधार पर सियालकोट में एक मकान पर सोमवार को तड़के छापा मारा और आईएसआईएस के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया। वैसे आईएसआईएस ने पाकिस्तान में अपनी मौजूदगी की खुलेआम घोषणा नहीं की है। आतंकवाद निरोधक विभाग के सूत्र ने कहा, ‘‘संदिग्ध कोई विरोध नहीं कर पाए क्योंकि कमांडो ने उन्हें ऐसा करने का कोई मौका ही नहीं दिया।’’

उन्होंने बताया कि मकान से हथियार, विस्फोटक और नफरत फैलाने वाली साहित्य सामग्री भी बरामद हुई। पंजाब के विभिन्न हिस्सों के इन संदिग्धों ने आतंकवाद का प्रशिक्षण लिया था और उनका इरादा पाकिस्तान में लोकतंत्र को उखाड़कर खलीफा व्यवस्था स्थापित करने का था।

अखबार के अनुसार एक खुफिया अधिकारी ने कहा, ‘‘संदिग्धों का इरादा सशस्त्र संघर्ष के जरिए पाकिस्तान से लोकतंत्र को उखाड़कर खलीफा व्यवस्था स्थापित करने का था। इस संदिग्धों का मूल रूप से जमात-उद-दावा से संबंध रहा है, लेकिन बाद में वह आईएसआईएस से जुड़ गए। वे गिरफ्तारी से बचने के लिए एक दूसरे से सोशल मीडिया और स्काइप से संवाद करते थे।’’

अधिकारियों ने कहा, ‘‘संदिग्ध पंजाब के अन्य हिस्सों में अपना नेटवर्क फैलाने की कोशिश कर रहे थे। प्रारंभिक जांच से खुलासा हुआ कि संदिग्ध इस संगठन में भर्ती और धन संग्रहण में जुटे थे। संदिग्धों को पाकिस्तान में लोकतंत्र नापसंद है तथा वे पुलिस एवं पाकिस्तान सेना से नफरत करते हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘आईएसआईएस व्यक्तियों का मुख्य उद्देश्य देश की कानून प्रवर्तन एजेंसियों के खिलाफ घृणा फैलाना था। उन्होंने जून में सियालकोट जिले के डसका तहसील में अल बगदादी के प्रति अपनी वफादारी का संकल्प लिया था और वे आईएसआईएस से जुड़ गए थे।’’

भर्ती करने वालों में एक – अबू अकाशा ने संदिग्धों ओर सीरिया में पाकिस्तानी आतंकवादियों के प्रभारी अबू मौविया साल्फी के बीच संपर्क बढ़ाया। उन्होंने बताया कि वकास उर्फ रिजवान सीरियाई सुरक्षाबलों के साथ संघर्ष में मारा गया। रिजवान भी सियालकोट का रहने वाला था और आईएसआईएस का सदस्य था।

पूछताछ से खुलासा हुआ है कि आईएसआईएस प्रमुख अबू बक्र बगदादी ने हाफिज सईद खान को खुरासान (ईरान और अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों को मिलाकर) में इस संगठन का अमीर नियुक्त किया है और उसे पाकिस्तान के अमीर के रूप में प्रस्ताव किया है। पहले खबर आयी थी कि सईद खान मारा गया। वैसे जेयूडी ने अपने सदस्यों के आईएसआईएस से जुड़ने की खबर का खंडन किया है और कहा कि उसका मध्यपूर्व के इस संगठन से कोई संपर्क नहीं है और वह उसकी विचारधारा के विरुद्ध है।