पाकिस्तान सरकार ने मुम्बई आतंकवादी हमले के मुख्य षड्यंत्रकर्ता हाफिज सईद के नेतृत्व वाले संगठन जमात उद दावा (जेयूडी) को प्रतिबंधित नहीं किया है और उसके खिलाफ केवल कुछ कार्रवाई शुरू की गई है जबकि पहले ऐसी खबरें थीं कि आतंकी संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
यह स्पष्ट करने के लिए कहे जाने पर कि क्या संगठन पर प्रतिबंध लगाया गया है जैसी खबर मीडिया में आ रही है, पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘‘जेयूडी को संयुक्त राष्ट्र की ओर से दिसम्बर 2008 में सूचीबद्ध किया गया था और इसमें तीन कार्रवाइयां जरूरी थीं। इसमें उसके बैंक खातों के संचालन पर रोक, हथियार प्रतिबंध और यात्रा प्रतिबंध शामिल था।’’
सूत्रों ने विशिष्ट जानकारी दिये बिना संकेत दिया कि संगठन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। जेयूडी आतंकवादी समूह लश्करे तैयार का मुखौटा संगठन है जिसने भारत में नवम्बर 2008 में मुम्बई आतंकवादी हमला के साथ ही कई अन्य हमले किये हैं।
रोचक बात यह है कि प्रतिबंध के बारे में खबरें अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा से ठीक पहले आयीं जो भारत के गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि बनने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्ता करने के लिए भारत की यात्रा पर आ रहे हैं।
पाकिस्तान ने इस संबंध में कुछ भी आधिकारिक रूप से नहीं कहा है। राजधानी दिल्ली में शुक्रवार को जब भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित से प्रतिबंध के बारे में पूछा गया तो उन्होंने केवल इतना कहा, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुरूप सख्ती से आगे बढ़ रहे हैं और जमात (जेयूडी) के बैंक खाते पर रोक लगा दी गई है और उसके नेतृत्व के विदेश यात्रा पर प्रतिबंध है।’’
दिलचस्प है कि पाकिस्तान के नेशनल काउंटरटेररिज्म अथॉरिटी (नैक्टा) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट से प्रतिबंधित संगठनों की सूची हटा दी है।
‘द नेशन’ ने कहा, यह ‘‘इस बात को लेकर जारी बहस और भ्रम की स्थिति को और बढाता है कि हक्कानी नेटवर्क और जमात उद दावा को प्रतिबंधित किया गया है या नहीं।’’
डान के पत्रकार आमिर मीर, जिन्हें सुरक्षा मामलों पर उनकी जानकारी के लिए जाना जाता है, ने आज समाचार पत्र में लिखा कि जमात उद दावा के खिलाफ कोई भी ताजा कदम नहीं उठाये गए हैं। इसमें कहा गया है, ‘‘जमात उद दावा की सम्पत्तियों पर रोक लगाने और हाफिज सईद पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की घोषणा में कुछ भी नया नहीं है क्योंकि ये उपाय तत्कालीन पीपीपी सरकार की ओर से छह वर्ष पहले दिसम्बर 2008 में ही घोषित किये गए थे। जब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने मुम्बई आतंकवादी हमले के बाद जमात उद दावा को वैश्विक आतंकवादी संगठन के रूप में सूचीबद्ध किया था।’’
इसमें कहा गया है कि मीडिया की खबरों के बावजूद तथ्य यही है कि जेयूडी के खिलाफ कोई ताजा कदम नहीं उठाया गया है। इसे अभी भी गृह मंत्रालय की निगरानी सूची में रखा गया है और इसे पाकिस्तान सरकार की ओर से प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल नहीं किया गया है।
द डान में भी पत्रकार मारियाना बाबर की ऐसी ही खबर थी जिसका शीर्षक था ‘‘जेयूडी नाट बैंड येट।’’