तालिबान ने हाजी मोहम्मद इदरिस को सेंट्रल बैंक ऑफ अफगानिस्तान का गवर्नर बनाया है। सूत्रों की मानें तो अफगानिस्‍तान के पूर्व उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍ला सालेह ने इदरिस को लेकर चेतावनी जारी की थी क‍ि तालिबान ने काले धन को सफेद करने वाले शख्स को देश के शीर्ष बैंक का चीफ बनाया है। सालेह ने पिछले दिनों कहा था, ‘काले धन को सफेद करने वाला इदरिस अलकायदा समर्थकों और तालिबान के बीच पैसे की लेन-देन की सुविधा मुहैया कराता है।’

बता दें कि इदरिस उत्‍तरी जावजजान प्रांत का रहने वाला है। वह मुल्‍ला अख्‍तर मंसूर के साथ लंबे वक्त से तालिबान के वित्‍तीय मामलों को देखता रहा है। उसे कितनी शिक्षा मिली है, यह भी अभी पता नहीं है। उसकी बस यह योग्‍यता है कि वह तालिबान के लिए काले धन को सफेद करता है। इदरिस ने धार्मिक किताबें भी नहीं पढ़ी हैं लेकिन वित्‍तीय मामलों का जानकार है।

बता दें अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने 15 अगस्त को काबुल छोड़ने के अपने कदम का बचाव करते हुए कहा कि देश की राजधानी को खून-खराबे से बचाने के लिए उन्होंने यह रास्ता चुना। गनी ने ट्वीट कर भ्रष्टाचार के व्यापक आरोपों को खारिज किया और दावा किया वह देश से कोई धन साथ नहीं लेकर गए। उन्होंने कहा कि इस मामले की स्वतंत्र जांच की जानी चाहिए।

गनी के अचानक देश छोड़ने की अफगानिस्तान और कई देशों में व्यापक आलोचना हुई थी। वहीं, अमेरिका ने बातचीत के समझौते से पहले ही तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा कर लेने और सरकार के पतन के लिए गनी के देश छोड़ने के कदम को जिम्मेदार ठहराया था।