पाकिस्तान की ओर से गिलगित-बाल्टिस्तान में कराए गए प्रांतीय चुनाव के नतीजे आने शुरू हो गए हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी- पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के प्रांत में बहुमत हासिल करने की चर्चा है। हालांकि, विपक्षी पार्टियों ने चुनाव को धोखाधड़ी करार दिया है। भारत पहले ही गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने के लिए पाकिस्तान को फटकार लगा चुका है, साथ ही दोनों देशों के बीच इस विवादित क्षेत्र का दर्जा बदलने की कोशिशों पर चेतावनी भी दे चुका है।
बता दें कि गिलगित-बाल्टिस्तान में रविवार को 23 सीटों पर चुनाव कराए गए थे। आतंकवादी और सरकार विरोधी संगठनों के हमले के डर से मतदान के दौरान कड़ा सुरक्षा पहरा भी रखा गया। अब तक जो नतीजे मिले हैं, उसके मुताबिक, इमरान की पार्टी आसानी से बहुमत हासिल कर रही है, जबकि दो मुख्य विपक्षी पार्टियों- PPP और PML-N की सीटें विजेता निर्दलीय प्रत्याशियों से भी कम रहीं।
Pakistan’s political parties protested in Gilgit-Baltistan y’day claiming that Gilgit-Baltistan Assembly election was rigged. Polls were held on Nov 15. Pakistan Peoples Party chairman Bilawal Bhutto Zardari & Pakistan Muslim League (N)’s Maryam Nawaz Sharif also took to streets. pic.twitter.com/TSTRqtYRPY
— ANI (@ANI) November 18, 2020
इसे लेकर मंगलवार को पाकिस्तान में बड़े स्तर पर प्रदर्शन हुए। हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। पीपीपी प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी और पीएमएल-एन की नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने भी इन प्रदर्शनों में हिस्सा लिया। बिलावल ने आरोप लगाया कि चुनाव में गड़बड़ी हुई। उन्होंने कहा कि हमारे प्रत्याशियों को जबरदस्ती पीपीपी छोड़कर पीटीआई में शामिल होने के लिए कहा गया।
वहीं, पीएमएल-एन के महासचिव अहसान इकबाल ने कहा कि गिलगित-बाल्टिस्तान में लोगों से उनके अधिकार छीने जा रहे हैं। बता दें कि 15 नवंबर को हुए चुनाव के लिए 1141 मतदान केंद्र बनाए गए थे। इनमें 15 हजार सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए थे। आमतौर पर गिलगित-बाल्टिस्तान में सेना की ही मर्जी के चुनावी नतीजे देखे गए हैं, क्योंकि आमतौर पर पाकिस्तान में सत्तासीन पार्टी ही प्रांत में भी सत्ता पर काबिज होती है।