जर्मनी में शरण पाने की कोशिश कर रहे हजारों लोगों के लिए वहां की सरकार एक नई योजना लेकर आई है। जर्मन सरकार न केवल उन्हें भाषा की तालीम दे रही है, बल्कि रोजगार के विभिन्न पहलू भी समझा रही है। हालांकि, एक ऐसा देश जहां पब्लिक न्यूडिटी और सेक्स को लेकर काफी खुलापन है, वहां इन शरणार्थियों को सेक्स के बारे में भी पढ़ाया जा रहा है। इनमें से अधिकतर शरणार्थी मुसलमान हैं।
द वॉशिंगगन पोस्ट की खबर के मुताबिक, यह मानते हुए कि सीरियाई, इराकी और अन्य देशों के शरणार्थियों को यूरोपीय तौर तरीकों की सही जानकारी नहीं, जर्मनी का फेडरल सेंटर फॉर हेल्थ एजुकेशन एक सेक्शुअल एजुकेशन वेबसाइट लाया है।वेबसाइट पर ग्राफिक्स और तस्वीरों के जरिए पहली बार सेक्स करने और आधुनिक तौर तरीकों के बारे में विस्तार से बताया गया है। यह कार्यक्रम ऐसे वक्त में शुरू किया गया है, जब नए साल की पूर्व संध्या पर यौन हमलों से जुड़े कुछ मामले सामने आए। आरोपियों में शरणार्थियों का नाम भी सामने आया।
अब जर्मनी एक योजना लेकर आया है, जिसके तहत इन शरणार्थियों को खास तौर पर पुरुषों को दोबारा से शिक्षित करने और पश्चिमी मुल्कों में सेक्स से जुड़े कायदे समझाया जाएगा। उदाहरण के तौर पर म्यूनिख में पब्लिक पूल्स पर कार्टून्स के जरिए इन शरणार्थियों को चेतावनी दी जा रही है कि वे बिकनी पहनी महिलाओं के साथ तमीज से पेश आएं। वहीं, बवारिया में सरकारी पैसे से सेक्शुअल एजुकेशन प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इसके तहत पुरुष शरणार्थियों को यह भी सिखाया जा रहा है कि वे जर्मन महिलाओं से किस तरह पेश आएं।
जर्मन सरकार जो वेबसाइट लेकर आई है, उसमें बताया गया है कि किस तरह यौन संक्रमण से बचा जा सकता है। फैमिली प्लानिंग से जुड़ी जानकारी दी गई है। यह भी बताया गया है कि गे और लेस्बियन लोगों का सम्मान किया जाए। हालांकि, वेबसाइट हैरान करने वाले तरीके से सेक्शुअल प्लेजर हासिल करने और देने के तरीके भी सिखाती है। इस पर इंटरकोर्स करने का पूरा तरीका ग्राफिक्स के जरिए समझाने की कोशिश की गई है। स्पेशल टिप्स भी दिए गए हैं। जर्मन सरकार की इस पहल का कुछ लोगों ने विरोध किया है। उनका मानना है कि सरकारी पैसे का यह इस्तेमाल सही नहीं है। वहीं, कुछ ने इस कदम को सही ठहराया है। उनका मानना है कि मिडल ईस्ट के लोगों के सेक्स से जुड़े रिस्क और अन्य पहलुओं की जानकारी नहीं है।