जर्मनी के एस्सेन शहर के एक गुरुद्वारे में हुए विस्फोट से दुर्दांत आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का संबंध हो सकता है। जांच से जुड़े अधिकारियों के हवाले से मीडिया में गुरुवार (21 अप्रैल) को यह खबर आई। नानकसर सत्संग सभा गुरुद्वारा में शनिवार को हुए धमाके में आईएसआईएस की संलिप्तता का संदेह बुधवार (20 अप्रैल) रात समीप के शहर जेलसेनकिर्चेन से दो किशारों की गिरफ्तारी के बाद मजबूत हुआ है। एक शादी समारोह के समापन पर यह विस्फोट हुआ था। एस्सेन की पुलिस ने सघन तलाशी के बाद दो किशोरों को गिरफ्तार किए जाने की पुष्टि की है।

एआरडी टीवी नेटवर्क ने खबर दी है कि पुलिस ने इन दोनों में एक की पहचान आईएसआईएस से सहानुभूति रखने वाले युसूफ टी नामक व्यक्ति के रूप में की है। जांचकर्ता उसे इस हमले के मुख्य संदिग्ध के रूप में ले रहे हैं। अधिकारी उसे उत्तरी राइन वेस्टफालिया के रूर क्षेत्र में इस्लामिक परिवेश के कार्यकर्ता के रूप में जानते हैं और वह इस्लाम के कट्टरपंथी पंथ सलाफिस्ट द्वारा जर्मनभाषी क्षेत्र में आयोजित कुरान वितरण अभियान में जोर शोर से शामिल रहा है।

इस खबर के अनुसार युसूफ का दिनस्लाकेन शहर में कट्टरपंथी इस्लामवादियों के गठबंधन ‘लोहबर्गर ब्रिगेड’ से भी संबंध है। आईएसआईएस से जुड़ने के लिए सीरिया की यात्रा कर चुके ज्यादातर जर्मन इस्लामवादियों का एलआईएईएस से घनिष्ठ संबंध था, यह संगठन कुरान वितरण अभियान चलाता है। खबर के अुनसार युसूफ आईएसआईएस के विचारों के प्रचार प्रसार के लिए अपने फेसबुक प्रोफाईल का इस्तेमाल करता था। इस हमले की पुलिस जांच प्रारंभ में काले कपड़े वाले और नकाब लगाए एक व्यक्ति पर केंद्रित थी जो विस्फोट के शीघ्र बाद गुरुद्वारा से भागता नजर आ रहा है। जिन चश्मदीदों ने उसे बिना नकाब के देखा, उन्होंने उसे मध्य सागरीय क्षेत्र उत्तरी अफ्रीका क्षेत्र का अश्वेत रंग वाला व्यक्ति बताया।

मीडिया की खबरों के अनुसार झाड़ी में फेंका गया उसके नकाब को पुलिस ने बरामद कर लिया है और उसका डीएनए विश्लेषण किया जा रहा है। पुलिस ने गुरुद्वारे के प्रवेश सभागार में बम वाला पिट्ठूबैग लगाने के संदिग्ध दो व्यक्तियों के फोटो और सीसीटीवी फुटेज जारी किए थे। जांचकर्ताओं को विस्फोट के मलबे से एक पिट्ठू बैग के अवशेष मिले हैं। सीसीटीवी कैमरा की फुटेज में दो पुरुष दिख रहे हैं जिनमें से एक ने इसी प्रकार का पिट्ठू बैग पकड़ा हुआ था जिस पर ‘‘रसेल एथलेटिक’’ का लोगो लगा था। इस बीच एस्सेन में सरकारी अभियोजक के कार्यालय ने दोनों संदिग्धों की गिरफ्तारी में मददगार सूचना देने वाले व्यक्ति को 5000 यूरो का इनाम दिए जाने की घोषणा की है।

भारत ने इस घटना पर दुख व्यक्त था जिसे शुरू से ही जानबूझकर की गयी कार्रवाई माना जा रहा है। शीर्ष भारतीय अधिकारी पहले ही उच्चतम स्तर पर यह मामला उठा चुके हैं और एस्सेन के अधिकारियों ने भारत को आश्वासन दिया कि सिखों समेत सभी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाये जाएंगे।

हमले में घायल हुए ग्रंथी के स्वास्थ्य में अब सुधार हो रहा है। वह एक स्थानीय अस्पताल में भर्ती हैं। अन्य दो व्यक्तियों का मामूली जख्म के लिए आपात मेडिकल सेवाओं द्वारा घटनास्थल पर ही इलाज किया गया। हमले के शीघ्र बाद तीन व्यक्ति इस संदेह के आधार पर संक्षिप्त रूप से गिरफ्तार किए गए कि वे काले एसयूवी में थे और यह गाड़ी अपराध स्थल के आसपास पहले नजर आई थी।