पंजाब के लुधियाना में जन्मे अंशदीप सिंह भाटिया पहले ऐसे सिख बनें हैं, जिन्हें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सुरक्षा शामिल किया गया है। अमेरिका में कड़ी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद अंशदीप सिंह को राष्ट्रपति की सुरक्षा दल में पिछले हफ्ते शामिल किया गया। इस ऊंचाई तक पहुंचने वाले अंशदीप सिंह के परिवार को 1984 के सिख विरोधी दंगे के बाद कानपुर से लुधियाना पलायन करना पड़ा था। दंगे के समय कानुपर के केडीए कॉलोनी स्थित उनके घर पर भीड़ ने हमला कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस घटना में उनके चाचा और एक नजदीकी रिश्तेदार की मौत हो गई थी। उनके पिता देवेंद्र सिंह भी इस घटना में बुरी तरह घायल हो गए थे। उनके शरीर पर तीन गोलियों के निशान मिले थे।
Ludhiana-born Anshdeep Singh Bhatia refused to change his ‘looks’ & went to court against this rider.
Sikh sangat is proud as he now becomes the first turbaned Sikh to be inducted into US President’s security detail.
ਗੁਰਮੁਖਿ ਰੋਮਿ ਰੋਮਿ ਹਰਿ ਧਿਆਵੈ ॥
ਨਾਨਕ ਗੁਰਮੁਖਿ ਸਾਚਿ ਸਮਾਵੈ ॥੨੭॥ pic.twitter.com/cKGcUQyTCw— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) September 12, 2018
यह वो समय था, जब उनकी बुआ की शादी नवंबर के दूसरे हफ्ते तय थी। पूरा परिवार शादी की तैयारियों में व्यस्त था। लेकिन इस घटना ने पूरे परिवार को झकझोर कर रख दिया। घटना के बाद उनके दादा अमरीक सिंह भाटिया, जो पंजाब और सिंध बैंक में प्रबंधक थे, ने लुधियाना में पलायन करने का निश्चय किया। उनके पिता, जो कानपुर में फार्मास्यूटिकल बिजनेस में थे, ने लुधियाना में शादी की। 2000 में अपने परिवार के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका चले गए। उस समय अंशदीप की उम्र मात्र 10 वर्ष थी।
अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में शामिल होने से पहले अंशदीप सिंह ने कई जगह नौकरी की। वे पहले एयरपोर्ट सिक्योरिटी में भी रहे। हालांकि, यहां उनका मन नहीं लगा। उनका सपना था कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा में शामिल हो, लेकिन उन्हें तब जाकर बड़ा ठोकर लगा जब बताया गया कि इसके लिए उन्हें अपने लुक में बदलाव करना होगा। लेकिन अंशदीप ने अपने पहनावे और लुक में बदलाव नहीं करने का फैसला किया। वे कोर्ट गए और आखिकार फैसला उनके पक्ष में आया। उन्हें राष्ट्रपति की सुरक्षा में शामिल करने से पहले कड़ी ट्रेनिंग दी गई। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद एक समारोह में उन्हें राष्ट्रपति की सुरक्षा दस्ते में शामिल किया गया। वे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुरक्षा दस्ते में शामिल होने वाले पहले सिख हैं।