हैकरों की एक वेबसाइट पर 53 करोड़ से अधिक फेसबुक यूजर (उपयोगकर्ताओं) के डेटा की जानकारी उपलब्ध है। यह सूचना कई साल पुरानी प्रतीत होती है, लेकिन यह फेसबुक एवं अन्य सोशल मीडिया साइट द्वारा एकत्र की जाने वाली विस्तृत जानकारी की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े करती है।
बताया गया है कि यह डेटा सबसे पहले 2019 में लीक हुआ था। फेसबुक ने तब इस गड़बड़ी को सुधारने की बात कही थी। हालांकि, हडसन रॉक साइबरसिक्योरिटी फर्म के चीफ टेक्निकल ऑफिसर (CTO) और संस्थापक एलन गैल ने बताया था कि यह लीक खत्म नहीं हुआ। रविवार को एक ट्वीट में गैल ने बताया कि इस लीक में अफगानिस्तान के 5.5 लाख यूजर्स, ऑस्ट्रेलिया के 12 लाख यूजर्स, बांग्लादेश के 38 लाख यूजर्स, ब्राजील के 80 लाख यूजर्स और भारत के 61 लाख यूजर्स का डेटा लीक हुआ है।
यूजर्स का डेटा ऑनलाइन उपलब्ध होने की जानकारी न्यूज वेबसाइट ‘बिजनेस इनसाइडर’ ने दी। इस वेबसाइट के मुताबिक, 106 देशों के लोगों के फोन नंबर, फेसबुक आईडी, पूरे नाम, स्थान, जन्मतिथि और ईमेल पते ऑनलाइन उपलब्ध है। गौरतलब है कि इससे पहले भी फेसबुक से यूजर्स का डेटा चोरी होने और उसके राजनीतिक इस्तेमाल जैसे मामले सामने आ चुके हैं।
फेसबुक पर लोगों की जानकारी की सुरक्षा को लेकर कई साल से सवाल उठते रहे हैं। सोशल मीडिया कंपनी ने 2018 में फोन नंबर के जरिए यूजर के खातों को खोजने की सुविधा इस खुलासे के बाद बंद कर दी थी कि राजनीतिक कंपनी ‘कैम्ब्रिज एनालिटिका’ ने आठ करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर की जानकारी उनकी जानकारी या सहमति के बिना प्राप्त कर ली। इस मामले के खुलासे के बाद कंपनी के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को अमेरिकी संसदीय पैनल के सामने सफाई देनी पड़ी थी।
यूक्रेन के एक सुरक्षा अनुंसधानकर्ता ने दिसंबर 2019 में बताया था कि 26 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर की जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है। अभी यह अस्पष्ट है कि ‘बिजनेस इनसाइडर’ ने जिस डेटा के उपलब्ध होने की जानकारी दी है, वह दिसंबर 2019 में मिले डेटा से संबंधित है या नहीं। फेसबुक ने एक बयान में कहा, “यह पुराना डेटा है, जिसकी जानकारी 2019 में दी गई थी। हमने इस समस्या को अगस्त 2019 में ही दूर कर दिया था।”