संयुक्त राष्ट्र की आम सभा के 71वें सत्र को संबोधित करने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका नहीं जाएंगे। उनकी जगह विदेश मंत्री सुषमा स्वराज 26 सितंबर को यूएन जनरल असेंबली को संबोधित करेंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने एक प्रेस कॉन्फेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब बलूचिस्तान में दमन और मानवाधिकारों का हनन जारी रहेगा, भारत मुद्दा उठाता रहेगा। उन्होंने बताया कि BRICS देशों के प्रतिनिधि पाकिस्तान से पनप रहे आतंकवाद और हिंसक कट्टरता से लड़ने के लिए एकजुट होकर कोशिश करने पर सहमत हो गए हैं। स्वरूप ने कहा कि विदेश सचिव ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को पत्र लिखकर मुंबई आतंकी हमले के ट्रायल को शीघ्र कराए जाने को कहा है, यह पत्र 6 सितंबर को पाकिस्तानी विदेश मंत्री को प्राप्त हुआ है। जल्द ही इस आतंकी हमले को आठ साल पूरे हो जाएंगे, विदेश सचिव ने दोषियों को सजा देने के लिए लिखा है। स्वरूप के मुताबिक, अभी पाकिस्तान ने भारत के पत्र पर कोई जवाब नहीं दिया है। स्वरूप ने यह भी कहा कि अगर पाकिस्तान मुंबई आतंकी हमलों के ट्रायल को पूरा करने को लेकर गंभीर है तो वे पत्र में दिए गए हमारे सुझाव जरूर मानेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस बात का ख्ुालासा नहीं किया कि अचानक कार्यक्रम में बदलाव क्यों किया गया। पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र की अाम सभा को संबोधित करने वाले थे। माना जा रहा है कि अपने विदेश दौरे पर विपक्ष द्वारा उठाए जा रहे लगातार सवालों के बाद प्रधानमंत्री ने अपनी जगह सुषमा को भेजने का फैसला किया है।
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2002 में गोधरा दंगों के बाद 9 साल तक अमेरिका ने नरेंद्र मोदी को वीजा नहीं दिया था। 2014 में जब नरेंद्र मोदी पूर्ण बहुमत के साथ प्रधानमंत्री बने तो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मोदी को वाशिंगटन डीसी बुलाया। मोदी और ओबामा की पहली मुलाकात सितंबर 2014 में हुई थी। तब से अब तक, दोनों नेता अब तक 8 बार मिल चुके हैं।