पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में मंगलवार को अदालत परिसर के बाहर हुए विस्फोट में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है। बताया जा रहा है कि यह विस्फोट कार के अंदर हुआ है। पुलिस की ओर से यह जानकारी दी गई है।
अदालत परिसर में आमतौर पर सैकड़ों लोग सुनवाई के लिए आते हैं और इस वजह से वहां भीड़ थी। इस्लामाबाद के एक सीनियर पुलिस अफसर ने पाकिस्तानी न्यूज एजेंसी डॉन से 12 लोगों के मारे जाने की खबर को कंफर्म किया है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में सुरक्षा बैरिकेड्स के पीछे खड़े वाहनों में आग लगी हुई दिख रही है। वाहनों के मलबे से लपटें और धुआं निकलता हुआ दिखाई दे रहा है। डॉन के अनुसार, विस्फोट की आवाज छह किलोमीटर दूर तक सुनी गई। पुलिस अफसरों ने घटना की जांच शुरू करने के बाद इलाके को सील कर दिया गया है।
इमारतों के अंदर भाग गए लोग
एडवोकेट रुस्तम मलिक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि वह विस्फोट के समय मौके पर मौजूद थे। मलिक ने एएफपी से कहा, “जैसे ही मैंने अपनी कार पार्क की और कोर्ट परिसर में दाखिल हुआ… गेट पर जोरदार धमाका सुना।” उन्होंने कहा, “मैंने गेट पर दो लाशें पड़ी देखीं और कई कारों में आग लगी हुई थी।”
रुस्तम मलिक ने बताया कि वकील और अदालत परिसर में मौजूद लोग इमारतों के अंदर भाग गए।
आर्मी के कॉलेज में भी आतंकी हमला
इसके अलावा डेरा इस्माइल खान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने आर्मी के एक कॉलेज में कैडेटों को बंधक बनाने की आतंकवादियों की कोशिश को फेल कर दिया। आतंकवादियों ने सोमवार शाम को कॉलेज पर हमला बोला।
स्थानीय पुलिस प्रमुख आलमगीर महसूद के मुताबिक, दो आतंकवादियों को सैनिकों ने तुरंत ढेर कर दिया जबकि तीन आतंकवादी अंदर घुसने में कामयाब रहे। महसूद ने बताया कि दोनों ओर से मंगलवार को भी गोलीबारी जारी रही। महसूद ने कहा, “सभी कैडेट, प्रशिक्षक और कर्मचारी सुरक्षित हैं।” उन्होंने आगे बताया कि कॉलेज में तैनात सैनिकों ने हमलावरों को कॉलेज की मुख्य बिल्डिंग तक पहुंचने से रोक दिया।
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टीटीपी के आतंकियों ने किया हमला
पुलिस प्रमुख ने बताया कि इस भीषण आत्मघाती हमले में कॉलेज के पास स्थित दर्जनों घरों को नुकसान पहुंचा है और कम से कम 16 लोग घायल हो गए। इसके अलावा कुछ सैनिक घायल भी हुए हैं। सेना ने कहा है कि यह हमला तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान या टीटीपी के आतंकियों ने किया है।
टीटीपी को अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र दोनों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है। सेना ने कहा है कि हमलावरों के आका भारत और अफगानिस्तान में मौजूद है। पाकिस्तान पहले भी इस तरह के आरोप नई दिल्ली और काबुल पर लगाता है लेकिन दोनों ही इससे इससे इनकार करते हैं। टीटीपी ने हमले में शामिल होने से इनकार किया है।
टीटीपी की ताकत बढ़ी
2021 में अफगानिस्तान में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से टीटीपी और मजबूत हो गया है। पिछले कुछ महीनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव बढ़ा है। 9 अक्टूबर को काबुल में हुए ड्रोन हमलों के लिए अफगानिस्तान ने इस्लामाबाद को जिम्मेदार ठहराया था और इसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच सीमा पार हुई लड़ाई में दर्जनों सैनिक, नागरिक और आतंकवादी मारे गए, जिसके बाद कतर ने 19 अक्टूबर को सीजफायर के लिए मध्यस्थता की थी।
