Europe on energy-saving mode: रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध का असर अब यूरोप में ऊर्जा संकट के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि जर्मनी में इस सप्ताह सार्वजनिक स्मारकों पर लाइट बंद करने और सरकारी भवनों में हीटिंग बंद करने का फैसला लिया गया। ऐसे में यूरोपीय यूनियन का अगले मार्च तक अपनी ऊर्जा खपत में 15 फीसदी की कटौती करने का लक्ष्य है।
बता दें कि ऊर्जा खपत में यह कटौती रूस द्वारा पूरी तरह से गैस की आपूर्ति बंद करने की स्थिति मददगार साबित होगी। दरअसल यूरोपीय यूनियन में धीरे-धीरे नेचुरल गैस की मांग को कम करने का प्रयास किया जा रहा है, जिससे आने वाली सर्दी में ब्लैकआउट से बचा जा सके।
यूरोन्यूज की रिपोर्ट के अनुसार अगर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन रूस से यूरोप आने वाले गैस की सप्लाई को पूरी तरह से बंद करने का आदेश देते हैं तो यूरोपीय कमीशन के मुताबिक इस वजह से यूरोप की असामान्य रूप से सर्दियों में लगभग 45 बिलियन क्यूबिक मीटर की कमी होगी। इस स्थिति ने निपटने के लिए यूरोप एनर्जी सेविंग मोड में चला गया है।
जर्मनी में हालात:
जर्मनी के शहर सार्वजनिक स्मारकों पर स्पॉटलाइट को बंद कर एनर्जी सेविंग कर रहे हैं। इसके साथ ही फव्वारे का भी इस्तेमाल नहीं हो रहा। वहीं सरकारी स्विमिंग पूल और स्पोर्ट्स हॉल के ठंडे पानी को गर्म नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा जर्मनी के लोअर सैक्सोनी राज्य की राजधानी में फैसला लिया गया है कि सरकारी भवनों को केवल 1 अक्टूबर से लेकर अगले साल 31 मार्च के बीच अधिकतम 20C (68F) के तापमान तक ही गर्म किया जाएगा। इसके अलावा मोबाइल एयर कंडीशनिंग यूनिट्स और फैन हीटरों के उपयोग पर मनाही होगी।
बता दें कि जर्मनी ज्यादातर गैस का उपयोग हीटिंग के लिए करता है। इसमें केवल लगभग 15 प्रतिशत बिजली पैदा करने के लिए जाता है। लेकिन अब अधिकारी इन दोनों क्षेत्रों में खपत में कटौती करने के तरीके खोज रहे हैं। जर्मनी के उत्तर-पश्चिम में हनोवर ऊर्जा-बचत उपायों को अपनाने वाला पहला प्रमुख शहर बन गया।
वहीं अन्य शहरों में सार्वजनिक स्थानों पर लाइट और फव्वारे बंद किये जा रहे हैं। बुधवार की रात बर्लिन के लगभग 200 ऐतिहासिक स्मारक और नगरपालिका भवन अंधेरे में डूब गए।
फ्रांस में स्थिति:
फ्रांस को अपनी अधिकांश ऊर्जा (70 प्रतिशत) परमाणु ऊर्जा से प्राप्त होती है, लेकिन वह अभी भी अगले दो सालों में अपने उपयोग की ऊर्जा खपत को 10 प्रतिशत तक कम करना चाहता है। एयर कंडीशनिंग दुकानों को अपने दरवाजे बंद रखने के लिए कहा गया है, ऐसा नहीं करने पर उन्हें 750 यूरो जुर्माना देना होगा। वहीं सरकारी कार्यालय भी एयर कॉन तभी चालू कर पाएंगे जब यह 26 डिग्री सेल्सियस से अधिक गर्म हो।
गौरतलब है कि हंगरी को छोड़कर यूरोपीय संघ के 27 सदस्य देशों ने इस सप्ताह गैस के उपयोग में स्वैच्छिक 15 फीसदी की कटौती करने का समर्थन किया है। बता दें कि यूरोपीय संघ के कुल प्राकृतिक गैस आयात में रूसी गैस की हिस्सेदारी लगभग 40% से ज्यादा है। इस स्थिति में अगर रूस गैस सप्लाई बंद कर देता है तो इन देशों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। इससे सबसे अधिक प्रभावित इटली और जर्मनी जैसे देश होंगे।