Myanmar-Thailand Earthquake: म्यांमार में शुक्रवार को भूकंप के बेहद तीव्र झटके महसूस किए गए, जिसका खतरनाक थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक समेत पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी महसूस किए गए। रिएक्टर स्केल पर आए 7.7 की तीव्रता वाले शक्तिशाली भूकंप का केंद्र म्यांमार का सागाइंग क्षेत्र था। म्यामांर में भूकंप के चलते भारी तबाही देखने को मिली है। मौत का आंकड़ा 1000 के पार चला गया है। रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। म्यांमार ने कई देशों से मदद मांगी है।
5 देशों में भूकंप का कहर
भूकंप का एपिसेंटर भले ही म्यामांर रहा हो लेकिन इसके झटके थाईलैंड, चीन, बांग्लादेश समेत भारत में भी महसूस किए गए। चीन में महसूस किए भूकंप के झटकों को लेकर चाइनीज न्यूज एजेंसी शिन्हुआ ने बताया है कि भूकंप की तीव्रता करीब 7.9 थी। इसके बाद एक बार फिर 6.9 की तीव्रता के साथ भूकंप आया। इन भूकंप के चलते थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में इतने ज्यादा खतरनाक साबित हुए कि कई ऊंची-ऊंची इमारतें भरभराकर गिर गई।
म्यांमार-थाईलैंड भूकंप से जुड़े तमाम अपडेट्स के लिए जुड़े रहे जनसत्ता डॉट कॉम के साथ...
पहला C130 म्यांमार के नेपीडॉ में उतरा। NDRF टीम का स्वागत भारतीय राजदूत और म्यांमार MOFA में राजदूत माउंग माउंग लिन ने किया। भारत राजधानी में बचाव कर्मियों को लाने वाला पहला देश है। भूकंप के बाद हवाई अड्डा अभी भी पूरी तरह से चालू नहीं है। NDRF टीम कल सुबह-सुबह मांडले के लिए रवाना होगी, और भारतीय NDRF बचाव दल बचाव कार्यों के लिए मांडले पहुंचने वाला पहला बचाव दल होगा
म्यांमार भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 1,644 हुई। वहीं घायलों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। लोगों को बचाने का काम लगातार जारी है।
भारतीय सेना 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत तत्काल मानवीय सहायता प्रदान करने के लिए एक विशेष चिकित्सा कार्य बल तैनात कर रही है। लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल के नेतृत्व में कुलीन शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स की 118 सदस्यीय टीम आवश्यक चिकित्सा उपकरणों और आपूर्ति के साथ शीघ्र ही म्यांमार के लिए रवाना होने वाली है।
बीजिंग के आपातकालीन प्रबंधन मंत्रालय ने कहा कि चीन ने शनिवार को 82 सदस्यीय बचाव दल म्यांमार भेजा है।
ब्रिटेन के राजा चार्ल्स तृतीय ने शनिवार को म्यांमार और थाईलैंड में आए विनाशकारी भूकंप के पीड़ितों के प्रति अपनी "गहरी संवेदना" व्यक्त की, जिसमें 1,000 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई। एक्स पर एक बयान में, उन्होंने और रानी कैमिला ने इस त्रासदी पर अपना सदमा और दुख व्यक्त किया।
हांगकांग सरकार ने कहा कि उसने शनिवार को 51 लोगों की एक टीम म्यांमार भेजी है, जिसके साथ दो खोजी और बचाव कुत्ते तथा जीवन डिटेक्टरों सहित नौ टन उपकरण भी भेजे गए हैं।
एपी की रिपोर्ट के अनुसार, सैटेलाइट इमेज के अनुसार, भूकंप में म्यांमार के नेपीताव अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट का कंट्रोल टॉवर ढह गया। म्यांमार की विपक्षी सरकार के शुरुआती आकलन में 2,900 इमारतों, 30 सड़कों और सात पुलों को नुकसान पहुंचने की बात सामने आई है। नेपीताव और मांडले दोनों हवाई अड्डों को विनाश के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत 60 पैरा फील्ड एम्बुलेंस म्यांमार रवाना होने के लिए तैयार हो रही है।
ब्रिगेडियर एचएस मावी ने कहा, "फील्ड हॉस्पिटल, जो आज जा रहा है, अभी लोड होने की प्रक्रिया में है और शाम को यह उड़ान भरेगा, और हमें उम्मीद है कि यह देर रात (म्यांमार) पहुंच जाएगा ताकि यह कल से प्रभावी हो सके।"
रणधीर जायसवाल ने कहा कि म्यांमार में त्रासदी के तुरंत बाद, हमारे प्रधानमंत्री ने अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत संकट की इस घड़ी में म्यांमार के लोगों और सरकार को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। आज, प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की और लोगों और भारत सरकार की ओर से कीमती जीवन के नुकसान के लिए गहरी संवेदना व्यक्त की और कहा कि हम इस आपदा से निपटने के लिए राहत, बचाव और जो भी सहायता आवश्यक होगी, प्रदान करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करेंगे।
एनडीआरएफ के डीआईजी मोहसेन शाहिदी ने कहा, "80 बचावकर्मियों वाली एनडीआरएफ टीम तैनात की गई है। टीम को दो उड़ानों में भेजा जा रहा है - एक पहले ही रवाना हो चुकी है, और दूसरी रवाना होने वाली है। टीम को 80 बचावकर्मियों और बचाव अभियान के लिए आवश्यक सभी उपकरणों सहित उपकरणों के साथ भेजा गया है।"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश रहा है। जब चक्रवात यागी ने म्यांमार पर हमला किया था, उस समय भी भारत ने एक अभियान चलाया था। हमने म्यांमार के लोगों को राहत, सामग्री, मानवीय सहायता प्रदान की, न केवल म्यांमार के लोगों को बल्कि कई अन्य देशों को भी जो इससे प्रभावित हुए थे। सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वाला देश बनना हमारी नीति का हिस्सा है।"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "आज हमने ऑपरेशन ब्रह्मा लॉन्च किया। ब्रह्मा सृजन के देवता हैं, ऐसे समय में जब हम म्यांमार सरकार और म्यांमार के लोगों को तबाही के बाद अपने देश के पुनर्निर्माण में मदद का हाथ बढ़ा रहे हैं। ऑपरेशन के इस विशेष नाम का एक विशेष अर्थ है। 15 टन राहत सामग्री लेकर पहला विमान हिंडन एयरफोर्स बेस से सुबह करीब 3 बजे उड़ा। यह सुबह करीब 8 बजे भारतीय समयानुसार यांगून पहुंचा। हमारे राजदूत राहत सामग्री लेने के लिए वहां गए थे और उसके बाद उन्होंने इसे यांगून के मुख्यमंत्री को सौंप दिया... इसके बाद, खोज और बचाव कर्मियों और उपकरणों के साथ-साथ कुत्तों के साथ दो विमान रवाना हुए। उनमें से एक रवाना हो चुका है और दूसरा रवाना होने की प्रक्रिया में है।"
भारतीय सेना म्यांमार में आए भूकंप के मद्देनजर वहां एक फील्ड अस्पताल स्थापित करेगी, जिसमें 1000 से अधिक लोग मारे गए थे।
भारतीय मानवीय राहत सामग्री की पहली खेप म्यांमार पहुंचने के कुछ ही घंटों बाद, दो और भारतीय वायु सेना के विमानों में सामग्री भरी जा रही थी।
शुक्रवार को म्यांमार के मांडले में आए भीषण भूकंप के बाद कई घंटे तक लोग मलबे में फंसे लोगों को बचाने के लिए नंगे हाथों से मलबे में से निकल रहे थे। भारी मशीनरी के बिना और अधिकारियों की अनुपस्थिति में, दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के दूसरे सबसे बड़े शहर में एक निवासी और बचावकर्मियों ने रॉयटर्स को बताया कि वे मदद के लिए चिल्ला रहे बचे हुए लोगों को बाहर निकालने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
बैंकॉक, थाईलैंड के जेजे मॉल चतुचक के सामने खोज और बचाव कार्य चल रहा है, जहां कल म्यांमार के सागाइंग से 16 किमी उत्तर-पश्चिम में रिक्टर पैमाने पर 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद एक निर्माणाधीन इमारत ढह गई।
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने शनिवार को बताया कि 80 सदस्यीय एनडीआरएफ खोज एवं बचाव दल म्यांमार के लिए रवाना हो गया है। भारत ने भूकंप प्रभावित देश को 1500 टन से अधिक राहत सामग्री भी सौंपी है।
रेड क्रॉस के एक अधिकारी ने एएफपी को बताया कि शुक्रवार को आए तेज भूकंप के कारण ढह गए स्काई विला कॉन्डोमिनियम में 90 से अधिक लोग फंसे हो सकते हैं। बचावकर्मी उन्हें निकालने के काम में लगे हुए हैं।
भूकंप के मद्देनजर आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री को 40 टन मानवीय सहायता के साथ म्यांमार भेजा गया।
म्यामांर में आज फिर से भूकंप के झटके लगे हैं। इसकी तीव्रता 5.1 मापी गई है। बीते दिन आए भूकंप से भारी तबाही हुई है और अब रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।
बैंकॉक शहर के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें अब तक 2,000 से ज्यादा इमारतों के नुकसान की रिपोर्ट मिली है। इसके लिए वे 100 से ज्यादा इंजीनियरों को तैनात करने जा रहे हैं।
म्यांमार के दूसरे सबसे बड़े शहर में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद मांडले में बचावकर्मी ढही हुई ऊंची इमारत के नीचे फंसे सात लोगों तक पहुंचने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। बीबीसी के मुताबिक, ऑपरेशन में शामिल एक बचावकर्मी ने कहा कि रात भर में 50 लोगों को मलबे से निकाला गया । हालांकि, भूकंप के 24 घंटे से अधिक समय बाद भी कई लोग फंसे हुए हैं।
चीन के दूतावास ने शनिवार को कहा कि वह म्यांमार को भूकंप के बाद 100 मिलियन युआन (13.77 मिलियन डॉलर) की मदद देगा। इसमें 1,000 से अधिक लोग मारे गए थे। चीनी दूतावास के फेसबुक पेज के अनुसार, सहायता में टेंट, कंबल, आपातकालीन चिकित्सा किट, भोजन और पानी और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल होंगी, जिनकी पहली खेप 31 मार्च को पहुंचेगी।
पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर कर कहा म्यांमार में आए भूकंप के बाद वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में, भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।
म्यांमार में भूकंप के कारण हजारों की संख्या में लोग घायल हुए हैं। इनके इलाज के लिए ब्लड बैंक खाली हो गए हैं। खून की कमी के कारण इलाज में परेशानी हो रहा है। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, म्यांमार में प्रशासन ने बताया कि भूकंप प्रभावित इलाकों में ब्लड की डिमांड ज्यादा है। म्यांमार पहले विदेशी मदद नही लेता था, लेकिन इस भूकंप के बाद हालात इतने भयावह हो गए कि सेना प्रमुख ने खुद ही दूसरे देशों और इंटरनेशनल संस्थाओं से मदद की अपील की है।
वायुसेना के 2 और विमान म्यांमार के लिए रवाना किए गए हैं। इन विमानों में भूकंप के प्रभावितों के लिए राहत सामग्री भेजी गई है। शनिवार को दो C-130 विमान हिंडन एयरपोर्ट से 15 टन राहत सामग्री लेकर रवाना हुआ।
म्यांमार में आए भूकंप से 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली है। भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने सीएनएन को बताया कि म्यांमार में आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप से 334 परमाणु बमों के बराबर ऊर्जा निकली है। उन्होंने चेतावनी दी कि भूकंप के झटके महीनों तक जारी रह सकते हैं क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे यूरेशियन प्लेट से टकराती रहती है।
म्यांमार में रुक-रुक कर भूकंप के झटके महसूस किए जा रहे हैं। शनिवार को भी सुबह 11.54 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 4.3 मापी गई। पिछले 24 घंटे में 15वीं बार धरती कांपी है।
म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद बैंकॉक के गवर्नर चाडचार्ट सिट्टिपुंट ने घोषणा की कि 2,000 से अधिक इमारतों में दरार की रिपोर्ट मिली है। इसके कारण बड़े पैमाने पर निरीक्षण अभियान चलाया जा रहा है। चाडचार्ट ने कहा कि सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। एक निर्माणाधीन इमारत के ढहने के अलावा कोई भी इमारत पूरी तरह क्षतिग्रस्त नहीं हुई है।