दुबई से उड़ान भरने वाले एक चार्टर्ड विमान को किंग्सटन की राजधानी जमैका से वापस भेज दिया गया। बताया जा रहा है कि इस विमान में भारत के गुजरात राज्य के करीब 75 यात्री सवार थे। लोकल प्रशासन विमान में सवार यात्रियों के दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं था।

इस मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि विमान 7 मई को किंग्सटन से वापस दुबई के लिए रवाना हुआ था। साप्ताहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल ने बताया कि जर्मनी में रजिस्टर्ड चार्टर्ड विमान कुछ भारतीय पर्यटकों के साथ 2 मई को दुबई से किंग्सटन के लिए रवाना हुआ था। किंग्सटन पहुंचने पर लोकल अथॉरिटी यात्रियों के पर्यटक होने से संतुष्ट नहीं थी, जबकि उन लोगों के पास होटल में ठहरने के लिए पहले से ही बुकिंग थी।

उन्होंने बताया कि दस्तावेजों से संतुष्ट नहीं होने के कारण विमान को यात्रियों सहित दुबई वापस जाने का आदेश दिया गया। इसके बाद विमान सभी यात्रियों को साथ लेकर किंग्सटन से दुबई के लिए रवाना हो गया।

जमैका ऑब्जर्वर की एक रिपोर्ट के अनुसार, विमान में कुल 253 विदेशी यात्री थे, जिन्हें इमीग्रेशन मामले देखने वाले अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट पर ही रोक दिया। जमैका की राष्ट्रीय सुरक्षा विभाग ने कहा कि लोकल अथॉरिटी विमान से आने वाले सभी लोगों का निरंतर जांच पड़ताल करती है ताकि नियम और कानून तोड़ने की संभावना कम हो सके।

क्या अवैध रूप से अमेरिका जाना चाहते थे यात्री?

गुजरात के एक सीआईडी ऑफिसर के मुताबिक विमान अभी केंद्रीय एजेंसी की सुरक्षा में है, जिसमें 75 यात्री गुजराती से तो कुछ यात्री पंजाब से हैं है। इन सभी यात्रियों के पास टूरिस्ट वीजा है। ऐसा माना जा रहा है कि ये सभी पर्यटक अवैध रूप से मैक्सिको बॉर्डर के द्वारा अमेरिका जाने का प्रयास कर रहे थे।

ज्ञात हो कि पिछले दिसंबर महीने में भी निकारागुआ से संबंधित विमान को भारतीयों के साथ फ्रांस में उतार दिया गया था। उसके बाद अवैध मानव व्यापार के शक में सभी भारतीयों को भारत वापस भेज दिया गया। इस मामले में गुजरात सीआईडी ने 60 से अधिक लोगों को अवैध रूप से मानव तस्करी के आरोप में अमेरिका भेजने की कोशिश के लिए 14 एजेंटों पर FIR दर्ज की गई थी।

अधिकारियों ने कहा था कि संयुक्त अरब अमीरात के फुजैराह से उड़ान भरने वाले लीजेंड एयरवेज के विमान में सवार 303 लोगों में से गुजरात के कम से कम 66 लोग थे, जो निकारागुआ पहुंचकर मैक्सिको बॉर्डर के द्वारा अवैध रूप से अमेरिका जाने वाले थे। हालांकि पकड़े जाने के बाद 25 दिसंबर 2023 को सभी यात्रियों को वापस मुंबई भेज दिया गया था।