अल्पसंख्यक शिया समुदाय पर हमले करने वाले प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-झांगवी (एलईजे)का प्रमुख और 2009 में श्रीलंकाई क्रिकेट टीम पर हमले का मास्टरमाइंड मलिक इशाक तीन साल बाद जेल से रिहा कर दिया गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान सरकार ने इशाक की हिरासत बढ़ाने के लिए कोई अपील नहीं की।
‘भड़काऊ’भाषण देने के जुर्म में लोक सुरक्षा आदेश के तहत इशाक तीन साल से जेल में बंद था। सरकार ने इशाक को ‘16 मेंटेनेंस आॅफ पब्लिक आॅर्डर’ के तहत हिरासत में लिया था। ‘16 मेंटनेंस आॅफ पब्लिक आॅर्डर’ वही कानून है जिसके तहत 2008 के मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता जकीउर रहमान लखवी को पिछले दिनों फिर से गिरफ्तार कर लिया गया था। लखवी को पहले एक आतंकवाद-निरोधक अदालत द्वारा जमानत दे दिए जाने के बाद फिर गिरफ्तार किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने इशाक को जुलाई 2011 में जमानत दी थी जिसके बाद उसे ‘16 मेंटिनेंस ऑफ पब्लिक ऑर्डर’ के तहत हिरासत में रखा गया था। इशाक की रिहाई ऐसे समय में हुई है जब पिछले दिनों पेशावर के एक आर्मी स्कूल में हुए आतंकवादी हमले में 132 बच्चों सहित 148 लोगों की मौत के बाद पाकिस्तान सरकार दहशतगर्दी से निपटने के अपने तौर-तरीकों में बड़े बदलाव पर विचार कर रही है। संप्रदायवाद के ‘कैंसर’ को जड़ से खत्म करने के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के प्रण के बावजूद इशाक को रिहा किया गया है।
पंजाब सरकार ने सोमवार को इशाक को एक प्रांतीय समीक्षा बोर्ड के समक्ष पेश किया जिसमें लाहौर हाई कोर्ट के तीन न्यायाधीश बतौर सदस्य शामिल थे। बहरहाल, गृह विभाग के अधिकारियों ने इशाक की हिरासत अवधि बढ़ाने की मांग नहीं की। एक अधिकारी ने कहा,‘मलिक इशाक अब रिहा हो चुका है।’