लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती, कोशिश करने वालों की हार नहीं होती। सच बात है इंसान अगर चाहे तो कुछ भी कर सकता है। कुछ लोग महिलाओं को कमजोर समझते हैं मगर 35 की उम्र में मेडिसिन की पढ़ाई करने वाली डॉ. रोस जबर ने बता दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं होतीं। वे जो चाहे हांसिल कर सकती हैं।

शादी में परेशानियां

कार्डिफ़, वेल्स में रहने वाली 51 साल की रोस जबर आज एक सफल डॉक्टर हैं। जिन्होंने 1997 से एक फार्मासिस्ट के रूप में अपनी नौकरी की शुरुआत की थी। उनका हमेशा से डॉक्टर बनने का सपना था। मगर उनकी शादी में परेशानियां चर रही थीं। उनका पति उन्हें किसी भी तरह से सपोर्ट नहीं कर रहा था। वे अकेली ही अपने दो बच्चों की देखभाल कर रही थीं। उनका बेटा ऑटिज्म से पीड़ित था। वे ही घर का खर्च चलाती थीं। वे एक वर्किंग मदर थीं। इसलिए वे इस गिल्ट में जीती थीं कि वे अपने बच्चे के समय नहीं दे पा रही थीं। उनसे जितना हो सकता था वे करती थीं।

घर का खर्च खुद चलाती थीं

समाज के लोग रोस जबर को ताना मारते थे कि, वे एक अच्छी पत्नी और मां नहीं हैं क्योंकि वे बाकी महिलाओं की तरह घरेलू नहीं हैं। वे बाहर जाती हैं, काम करती हैं। किसी को यह समझ नहीं आता कि काम के बादले उन्हें सलाना करीब 65,000 पाउंड मिलता था। जिससे वे घऱ खर्च चलाती थीं।

बेटे की देख-रेख के लिए छोड़ दी नौकरी

पति के तरफ से निराशा मिलने के बाद बच्चे की देख-रेख के लिए आखिरकार उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। उन्होंने अपने बच्चे की केयर के लिए स्पेशल स्कूल में एडमिशन कराया। अब वे जॉबलेस थीं तो बच्चों के साथ पार्क में, घऱ में टाइम बितातीं। मगर यह ज्यादा दिन चलने वाला नहीं था, क्योंकि उन्हें घऱ खर्च चलाने के लिए पैसों की जरूरत थी।

खर्च चलाने के लिए खोला कैफे

रोस जबर हार नहीं मानी और अपना एक छोटा सा कैफे खोल लिया, जहां घऱ जैसा खाना मिलता था। उनका कहना है कि जब आप एक मां होती हैं तो बच्चों की चिंता होती है और रास्ते अपने आप बनते जाते हैं। उनका घर खर्च के लिए पैसा निकलने लगा। वह अपने परिवार के लिए दिन रात काम कर रही थीं मगर मन ही मन उनका डॉक्टर बनने का सपना उन्हें उकसाता रहता था। वे कैसे भी करके डॉक्टर बनना चाहती थीं। एक दिन उन्होंने खुद से कहा कि मैं डॉक्टर बनना चाहती हूं इसलिए मैं डॉक्टर बनने जा रही हूं। इसलिए उन्होंने कोशिश करनी शुरु कर दी। वे कई बार असफल हुईं। उनका मजाक उड़ाया गया कि एक कैफे चलाने वाली हाउस वाइफ डॉक्टर इस उम्र में पढ़ाई करके डॉक्टर बनना चाहती है।

खुद से कहा डॉक्टर बनने का सपना पूरा करना है

वे करियर मेले में गईं और सलाहकार से बात की। जिसके बाद उनकी जिंदगी ने एक नया मोड़ लिया। काफी कोशिशों के बाद उन्हें 35 साॉल की उम्र में में कार्डिफ यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ मेडिसिन में जगह मिली। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि वे एक डॉक्टर बनने जा रही हैं। हालांकि इसके बाद उनके पति ने उनका साथ छोड़ दिया। दोनों का तलाक हो गया। मगर उन्हें एक डॉक्टर की बात याद आ रही थी कि जिसने उनसे कहा था कि तुम एक दिन डॉक्टर जरूर बनोगी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। यहां तक की उन्होंने अपनी खुद का एक क्लिनिक खोल लिया है। इस तरह आज वे एक सफल डॉक्टर बन गई हैं। जिंदगी के इस मोड़ पर उन्हें 60 साल के साज का प्यार मिल गया है।

दूसरी महिलाओं को करती हैं इंस्पायर

रोस दूसरी महिलाओं को इंस्पायर करने के लिए इवेंट करती हैं। जिंदगी में इतने उतार-चढ़ाव देखने वाली रोस का मानना है कि कोई भी काम असंभव नहीं है, क्योंकि धरती पर ऐसा कोई काम नहीं है जिसे आप कर नहीं सकते हैं।