अमेरिकी सेना ने कोरियाई युद्ध के दौरान मारे गये सैनिकों के अवशेष आने के बाद उनके विश्लेषण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले सप्ताह उत्तर कोरिया ने इन सैनिकों के अवशेष को अमेरिका को सौंप दिया था। बुधवार को एक भावभीने एवं औपचारिक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस और एशिया में अमेरिकी बलों के शीर्ष कमांडर एडमिरल फिल डेविडसन के पास 55 ताबूतों में ये अवशेष पहुंचे। अवशेष दक्षिण कोरिया से सेना के मालवाहक जहाज से भेजे गये थे। हर ताबूत अमेरिकी झंडे में लिपटा था।

पेंस ने कहा, ‘‘वे किसी के पति, पिता, भाई और पड़ोसी थे। लंबा अरसा बीत गया, लेकिन उनके प्रियजनों के मन मस्तिष्क में अब भी उनकी यादें ताजा होंगी।’’ कोरियाई युद्ध खत्म हुए 65 साल हो चुके हैं, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प एवं उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन के बीच जून में सिंगापुर में हुई वार्ता के बाद इन अवशेषों की स्वदेश वापसी का रास्ता साफ हुआ। दोनों नेताओं के बीच वार्ता में किम ने ट्रम्प को इन अवशेषों को भेजने का आश्वासन दिया था।

ट्रम्प ने बीती रात ट्वीट कर किम को ‘‘अपना वादा पूरा करने और देश के महान एवं प्रिय लापता सैनिकों के अवशेषों को स्वदेश भेजने की प्रक्रिया शुरू करने के लिये उनका शुक्रिया’’ अदा किया। हालांकि, इन सैनिकों के घर वालों को अभी अपने प्रियजनों के अवशेष मिलने में कई वर्ष लग सकते हैं क्योंकि वैज्ञानिकों और इतिहासकारों को इनकी पहचान करने में वक्त लगेगा।