डोकलाम गतिरोध को लेकर एक बार फिर से चीनी मीडिया भारत को लगातार आंख दिखा रही है। इस बार चीनी मीडिया ने भारत को जंग के लिए लल्कारा है। चाईना डेली ने अपने संपादकीय में लिखा है, “दो ताकतों के बीच टकराव होने की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है। समय हाथ से निकलता जा रहा है।” संपादकीय में यह भी लिखा है कि भारत को जल्द ही अपने जवान क्षेत्र से हटा लेने चाहिए ताकि दोनों मुल्कों के बातचीत हो सके और किसी तरह का संघर्ष न हो। ‘न्यू डेह्ली शुड कम टू इट्स सेंसिस वाइल इट हैड टाइम’, शीर्षक से प्रकाशित इस संपादकीय में और भी कई बातें लीखी गई हैं।
संपादकीय में आगे लिखा गया है, “बीजिंग के पास समय है और इसी लिए उसने दोबारा यह मैसेज भेजा कि भारत अगर संघर्ष नहीं चाहता तो वह अपने सारे जवान हटा ले।” इसके अलावा संपादकीय में भारत को यह भी कहा गया है कि वह चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी को ताकत को कम न समझे। बता दें यह पहली बार नहीं है जब चीनी मीडिया ने डोकलाम गतिरोध को लेकर भारत को धमकाया हो। इससे पहले भी वह कई बार ऐसा कर चुका है। चीन के एक दैनिक समाचार पत्र ने लिखा था कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने ‘सख्त रुख’ के चलते भारत को युद्ध की ओर धकेल रहे हैं और अपने देशवासियों के भविष्य को दांव पर लगा रहे हैं।
चीन की सरकारी स्वामित्व वाली ‘ग्लोबल टाइम्स’ में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया कि मोदी को चीन की सेना की ‘अपार शक्ति’ से वाकिफ होना चाहिए, जो डोकलाम में भारतीय सैनिकों को ‘तबाह’ करने की क्षमता रखता है। इसके अलावा बीते महीने भी पीपुल्स डेली नाम के एक और मीडिया संस्थान भारत को 1962 में छपा एक संपादकीय दोबारा साझा कर भारत को धमकाया था। 22 सितंबर 1962 के उस संपादकीय को दोबारा प्रकाशित कर, भारत पर आरोप लगाए गए थे कि उसने चीन को पहले भी भड़काने का काम किया था जिसे वह अब दोहरा रहा है और इस उकसावे को चीनी लोग बरदाश्त नहीं करेंगे।