जर्मनी की राजधानी बर्लिन में एक डॉक्टर ने शर्मशार करने वाला कारनामा किया है। डॉक्टर पर 15 मरीजों की हत्या का आरोप है। मरीज के मरने बाद डॉक्टर उनके घरों में आग लगा देता था ताकि कोई सबूत न बचे। प्रॅासिक्यूटर ऑफिस ने बर्लिन की अदालत में 40 वर्षीय डॉक्टर के खिलाफ आरोप लगाए। जर्मनी के गोपनीयता नियमों के अनुसार आरोपी डॉक्टर की पहचान जोहान्स एम के रूप में की गई है और उस पर पीड़ितों के घरों में आग लगाकर हत्याओं के सबूत छिपाने की कोशिश करने का भी आरोप है।
प्रैक्टिस पर आजीवन प्रतिबंध की मांग
प्रॅासिक्यूटर ऑफिस न केवल डॉक्टर के खिलाफ गंभीर अपराध का पता लगाने की मांग कर रहा है, बल्कि उसकी प्रैक्टिस पर आजीवन प्रतिबंध की भी मांग कर रहा है। हत्या के आरोपों में अधिकतम आजीवन कारावास की सज़ा हो सकती है। अगर अदालत यह साबित करती है कि किसी संदिग्ध पर विशेष रूप से गंभीर अपराध है, तो इसका मतलब है कि उसकी 15 साल बाद भी रिहाई नहीं हो सकेगी। ऐसा आमतौर पर जर्मनी में होता है।
डॉक्टर 6 अगस्त से हिरासत में है। डॉक्टर बर्लिन में एक नर्सिंग सेवा की टीम का हिस्सा था और शुरुआत में केवल चार मरीज़ों की मौत का संदिग्ध आरोपी था। लेकिन पिछले साल की गर्मियों से यह संख्या बढ़ती गई है। अब उस पर 22 सितंबर 2021 और पिछले साल 24 जुलाई के बीच 15 लोगों की मौत का आरोप लग रहे हैं।
कैसे मारता था डॉक्टर?
पीड़ितों की उम्र 25 से 94 वर्ष के बीच थी। ज़्यादातर की मौत उनके अपने घरों में हुई। डॉक्टर ने कथित तौर पर मरीज़ों को उनकी जानकारी या सहमति के बिना बेहोशी की दवा और मांसपेशियों को आराम देने वाली दवा दी। इसके बाद दवा के इस मिक्सचर ने कथित तौर पर उनकी मांसपेशियों को लकवाग्रस्त कर दिया। प्रॅासिक्यूटर ने बताया कि कुछ ही मिनटों में श्वसन रुक गया और उनकी मौत हो गई।
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए के अनुसार डॉक्टर मुकदमे से पहले किसी मनोरोग विशेषज्ञ से बातचीत के लिए राज़ी नहीं हुए। डीपीए के अनुसार अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि डॉक्टर का मकसद क्या रहा होगा। मुक़दमे में नामित सभी पीड़ित गंभीर रूप से बीमार थे। डीपीए के अनुसार उनके बचाव पक्ष के वकील क्रिस्टोफ़ स्टोल ने कहा कि प्रतिवादी फिलहाल अदालत में कोई बयान नहीं देंगे।
अदालत ने शुरुआत में 28 जनवरी, 2026 तक कार्यवाही के लिए 35 डेट्स सुनवाई के लिए निर्धारित की हैं। डीपीए की रिपोर्ट के अनुसार हरेक मामले में कई गवाह हैं और कुल मिलाकर लगभग 150 लोगों की सुनवाई अदालत में हो सकती है। अन्य संदिग्ध मौतों की जांच जारी है। बर्लिन राज्य आपराधिक पुलिस कार्यालय के हत्या विभाग और बर्लिन लोक अभियोजक कार्यालय में एक विशेष रूप से नियुक्त जांच दल ने कुल 395 मामलों की जांच की।
इनमें से 95 मामलों में प्राथमिक संदेह की पुष्टि हुई और कार्यवाही शुरू की गई। पांच मामलों में संदेह सिद्ध नहीं हुआ। 75 मामलों में, अलग-अलग कार्यवाहियों में जांच अभी भी जारी है। अभियोजकों ने कहा कि इस अलग प्रक्रिया के लिए अभी भी पांच शवों को निकालने की योजना है। 2019 में एक जर्मन नर्स को (जिसने जानबूझकर हृदय गति रुकवाकर 87 मरीजों की हत्या की थी) आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी।