उईगर मुस्लिमों के मानवाधिकार हनन के कथित आरोपों के चलते पड़ोसी मुल्क चीन विभिन्न देशों के निशाने पर हैं। कई देशों का आरोप है कि चीन का उईगर मुस्लिमों के प्रति व्यवहार संतोषजनक नहीं है। ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री और उईगर मुस्लिमों के सदस्यों ने इस मामले में चीन की तीखी आलोचना की है। इन आलोचनाओं को तब और बल मिला जब सोशल मीडिया में उईगर मुस्लिमों का एक डरा देने वाला वीडियो वायरल हुआ। इसमें सैकड़ों की संख्या में उईगर मुस्लिम चीनी पुलिसकर्मियों की नजरबंदी में नजर आए। इन लोगों के हाथ बाधें गए और आंखों पर काली पट्टियां बांध दी गईं। एक वेबसाइट के मुताबिक चीन के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में एक ट्रेन स्टेशन पर बड़े पैमाने पर स्थानांतरण से पहले सभी लोगों के सिर-दाढ़ी के बाल भी हाल में काट दिए।
रिपोर्ट के मुताबिक वीडियो बीते सप्ताह ‘वॉर एंड फियर’ नाम के अज्ञात यूट्यूब चैनल पर शेयर किया गया, बाद में वीडियो अपलोड करने वाले यूजर की पहचान नाथन यूसर के रूप में हुई, जो ऑस्ट्रेलियन स्ट्रैटेजिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट में सेटेलाइट विश्लेषक हैं। यूसर ने कहा कि मालूम होता है कि वीडियो अप्रैल 2018 या अगस्त 2018 के बीच कोरला शहर के पश्चिम में एक ट्रेन स्टेशन पर शूट किया गया था।
उन्होंने एबीसी न्यूज से कहा कि मैंने निजी रूप से वीडियो की खूब जांच पड़ताल के बाद पाया कि वीडियो सही था और वैध है। अब यह वीडियो उस दावे को बल देता है जिसमें कहा गया कि चीन में हिरासत में लिए गए उईगर मुस्लिमों संग अमानवीय व्यवहार कर रहा है जो साल 2017 में पश्चिमी चीन में शुरू हुआ था।
BREAKING! New leaked video shows up to 600 #Uyghur Muslim concentration camp detainees being moved shackled together, handcuffed, blindfolded and with their heads shaved. #Uyghurs #China #EastTurkestan #Xinjiang pic.twitter.com/dTx2y5sFzx
— DOAM (@doamuslims) September 21, 2019
हाल ही में संयुक्त राष्ट्र ने भी चीन में उईगर मुस्लिमों संग अमानवीय व्यवहार पर चिंता जताई थी। यूएन ने एक बयान में कहा कि विश्वसनीय रिपोर्ट्स से पता चलता है कि चीन में कम से कम दस लाख उईगरों मुस्लिमों को हिरासत में लिया है जिन्हें जिनजियांग के रि-एजुकेशन सेंटर में रखा गया है।
नाथन यूसर के मुताबिक वीडियो से मालूम होता है कि हिरासत में लिए गए उईगर मुस्लिमों को कशगर के एक डिटेंशन सेंटर से एक नई सुविधा में स्थानांतरित किया जा रहा था। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी ऑस्ट्रेलियाई सरकार के समक्ष यह मुद्दा उठाया कि कैसे उईगर मुस्लमों और अन्य मुस्लिमों को मनमाने ढंग से हिरासत में रखा गया है।
इसी बीच चीन विदेश मंत्रालय और ऑस्ट्रेलिया में चीनी दूतावास के अधिकारियों ने मामले में कोई भी प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया।