ब्रिटिश नागरिक एलिजाबेथ केर और सिमोन ओ ब्रायन जून में शादी करने वाले थे, लेकिन उससे पहले ही कोरोना वायरस ने दोनों को जकड़ लिया। हालत इतनी बिगड़ी कि दोनों को अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा। एक समय ऐसा भी आया जब उन्हें लगा कि अब शायद वो नहीं बच पाएंगे। तब उन्होंने ICU में ही शादी करने का फैसला लिया।
नवदंपति का कहना है कि शादी के बाद उनके भीतर जीने की ललक जागी और यही वजह रही कि वो मौत को मात देने में कामयाब हो सके। ब्रिटेन में ICU में जाने के बाद कोराना पेशेंट की मृत्यु दर लगभग 80 फीसदी है। उनका कहना है कि उन्हें लगता था कि अब जीवन खत्म होने को है तो क्यों न वे एक दूसरे के हो जाएं। नवदंपति की सेहत फिलहाल तेजी से सुधर रही है। उन्हें लगता है कि वो फिर से एक नया जीवन शुरू कर सकेंगे।
31 वर्षीय एलिजाबेथ का कहना है कि वह बकिंघम के एक अस्पताल में नर्स है। जब उनका ऑक्सीजन लेवल खतरनाक स्तर पर पहुंच गया तब उन्हें साउथ इंग्लैंड के मिल्टन केंस अस्पताल के कोविड वार्ड में दाखिल कराया गया। इलाज के दौरान वहां की नर्स हाना केनन ने उनसे कहा था कि अगर वो शादी करना चाहते हैं तो उनके लिए अस्पताल ही आखिरी जगह है। भावुक हुई एलिजाबेथ ने बताया कि तब केनन ने कहा था कि इसके बाद जिंदगी शायद उन्हें यह मौका न दे।
British couple Elizabeth Kerr and Simon O’Brien had been planning to marry in June. Then COVID-19 struck. They became so ill that medical staff scrambled to organize a wedding before it was too late. This is a love story in COVID times https://t.co/xZiKQfw0cv pic.twitter.com/gAHXW3ky83
— Reuters (@Reuters) January 22, 2021
वेडिंग लाइसेंस जुटाने से लेकर केक का इंतजाम अस्पताल के स्टाफ ने ही किया। केनन ने विवाह की रस्मों को कैमरे में कैद किया। उनका कहना है कि शादी ने दोनों के भीतर पॉजिटिव एनर्जी का संचार किया। एक दूसरे के नजदीक बैठे दंपति का कहना है कि अस्पताल के स्टाफ की सोच ने उन्हें नया जीवन दिया। जब वो एक-एक सांस के लिए लड़ रहे थे तब पता चला कि आपके लिए अपनों से ज्यादा कुछ भी अहम नहीं होता। 12 जनवरी को दोनों ने शादी की थी। इससे तीन दिन पहले ही उन्हें अस्पताल में दाखिल कराया गया था।