पाकिस्तान के पीएम इमरान खान की रवानगी का काउंटडाउन आज से शुरू हो गया। नेशनल असेम्बली में विपक्ष की तरफ से शाहबाज शरीफ ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर दिया। निचले सदन में दिए गए प्रस्ताव में 161 सांसदों के हस्ताक्षर हैं। नेशनल असेंबली में पीटीआई के 155 सदस्य हैं। उन्हें सरकार बचाने के लिए 172 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी। लेकिन जिस तरह से सहयोगी दलों के साथ अपने सांसदों ने इमरान के खिलाफ तेवर तीखे किए हैं, उसमें माना जा रहा है कि उनकी सरकार का बचना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।

नेशनल असेंबली) में विपक्षी दलों ने गत आठ मार्च को प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव सौंपा था। विपक्ष ने आरोप लगाया था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सरकार देश में बढ़ती महंगाई और आर्थिक संकट के लिए जिम्मेदार है। इसके बाद से देश की राजनीति में अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे है।

पंजाब में भी विपक्ष ने खोला मोर्चा

उधर, इमरान खान को उस समय एक और झटका लगा जब विपक्ष ने उनके करीबी और पंजाब के मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ सोमवार को अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव बहुत जल्दबाजी में लाया गया। उनकी कोशिश है कि प्रधानमंत्री के हटाए जाने पर पंजाब विधानसभा को भंग करने की पीटीआई सरकार की योजना को पहले ही विफल कर दिया जाए।

विपक्षी दल पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने 52 वर्षीय बुजदार के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव सौंपा, जिसमें 127 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। अविश्वास प्रस्ताव में कहा गया है कि मुख्यमंत्री बुजदार ने सदन का विश्वास खो दिया है। पीएमएल-एन के विधायक राणा मशहूद ने कहा कि विपक्ष नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर और सीनेट के चेयरमैन सादिक संजरानी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव लाएगा। राणा ने कहा कि यह साफ-साफ दिख रहा है कि इमरान और बुजदार अविश्वास प्रस्ताव का सामना नहीं कर सकेंगे, इसलिए दोनों के समक्ष सम्मानजनक विदाई लेने का एक ही रास्ता है कि इस्तीफा दे दें।

इमरान ने विदेशी ताकतों पर फोड़ा ठीकरा

रविवार को इमरान खान ने इस्लामाबाद में एक रैली में कहा था कि उनकी सरकार को अपदस्थ करने की अंतरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है। उन्होंने कहा था कि देश की विदेश नीति तय करने के लिए विदेशी तत्व स्थानीय नेताओं का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि उनके पास एक पत्र सबूत के तौर पर है। हालांकि, तमाम उहापोह के बीच गृह मंत्री शेख राशिद ने उम्मीद जताई कि अविश्वास प्रस्ताव पर 31 मार्च को फैसला किया जाएगा। उनका दावा है कि इमरान खान कहीं नहीं जा रहे हैं। सरकार अविश्वास प्रस्ताव से उबरकर फिर नए सिरे से कामकाज शुरू करेगी।