दुनियाभर में कोरोनावायरस वैक्सीन की लॉन्चिंग शुरू हो चुकी है। जहां फाइजर को ब्रिटेन और अमेरिका समेत कई और देशों में आपात इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है, वहीं मॉडर्ना, स्पूतनिक और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी की वैक्सीन भी जल्द ही अलग-अलग देशों में लॉन्चिंग की तैयारियों में जुटी हैं। अगर वैक्सीन की रेस की बात की जाए, तो अमेरिकी कंपनी फाइजर और उसकी जर्मन साझेदार बायोएनटेक सबसे आगे हैं। 18 नवंबर को सभी स्टेज के ट्रायल पूरे करने वाली फाइजर पहली कंपनी थी। इसके बाद इसी महीने ब्रिटेन में एक 90 साल की महिला को टीका लगाकर फाइजर ने वैक्सिनेशन प्रक्रिया की शुरुआत भी कर दी।

किस कंपनी की वैक्सीन लाइन में अगली?: माना जा रहा है कि अमेरिकी फार्मास्यूटिकल कंपनी मॉडर्ना की वैक्सीन भी अब जल्द ही वैश्विक बाजार में मंजूरी पा सकती है। कंपनी ने 30 नवंबर को अपने ट्रायल का नतीजा रिलीज किया है। अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) के सलाहकारों ने इस वैक्सीन की समीक्षा के लिए 17 दिसंबर की तारीख रखी है, वहीं यूरोपियन मेडिकल एसोसिएशन 12 जनवरी को ही वैक्सीन का रिव्यू कर लेगी।

इन दोनों कंपनियों के अलावा ब्रिटेन की एस्ट्रा जेनेका भी वैक्सीन की मंजूरी के लिए आवेदन कर चुकी है। कंपनी ने 23 नवंबर को ही अपने ट्रायल का डेटा रिलीज कर दिया था। तब सामने आया था कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के सहयोग से तैयार की गई इस वैक्सीन की क्षमता 70 फीसदी है। ट्रायल में शामिल कुछ ग्रुप्स में इस वैक्सीन को फुल डोज पर 90 फीसदी तक प्रभावी पाया गया था। अभी यह साफ नहीं है कि अलग-अलग देशों के नियामक एस्ट्रा जेनेका के डेटा की समीक्षा कैसे करेंगे, पर भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने वैक्सीन के तीनों स्टेज के ट्रायल पूरे किए हैं और सरकार को डेटा मुहैया कराने के चरण पर है।

अगले साल किन कंपनियों की वैक्सीन होंगी लॉन्च: अमेरिकी दवा कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन ने इसी साल के अंत या अगले साल की शुरुआत में अपने ट्रायल का डेटा रिलीज करने की बात कही है। ऐसे में कंपनी को अमेरिका में फरवरी 2021 तक मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि जॉनसन एंड जॉनसन ने क्लिनिकल ट्रायल के दौरान अपने वॉलंटियर्स की संख्या 60 हजार से घटाकर 40 हजार कर दी थी।

एक और कंपनी नौवावैक्स ब्रिटेन में अंतिम स्टेज के ट्रायल चला रही है, जिसके नतीजे 2021 के पहली तिमाही में आ सकते हैं। अमेरिका में कंपनी इसी महीने बड़े स्तर पर क्लीनिकल ट्रायल शुरू कर सकते हैं। इन कंपनियों के अलावा फ्रांस की सनोफी और ब्रिटेन के ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन ने अपनी वैक्सीन कार्यक्रम में पिछड़ने की बात कही थी।