कंपनी ने पिछले हफ्ते गुरुवार को न्यू शेपर्ड का 14वीं बार सफल परीक्षण किया। वह इसे प्रक्षेपित करने और धरती पर वापस उतारने में कामयाब रही। इसे एनएस-14 नाम दिया गया है। इस सफल फ्लाइट में नए बूस्टर और नए अपग्रेड किए कैप्सूल का परीक्षण किया गया। ‘एनएस-14’ मिशन में क्रू कैप्सूल में कई अपग्रेड सिस्टम उपयोग किए गए। इसमें अंतरिक्ष यात्रियों को मिशन कंट्रोल से बात करने के लिए पुश-टू-टॉक सिस्टम, हर सीट पर एक नया क्रू अलर्ट सिस्टम है। इसके अलावा कैप्सूल में शोर कम करने के लिए कुशन लाइनिंग, एअर कंडीशन और अन्य प्रणालियां शामिल हैं।
रॉकेट के ऊपरी हिस्से में बने कैप्सूल में छह यात्री बैठ सकते हैं। न्यू शेपर्ड पूरी तरह स्वाचालित प्रणाली वाला यान है। हाल के परीक्षण में रॉकेट के भीतर पेलोड रखकर उड़ाया गया। कैप्सूल ने धरती पर लौटने से पहले 10 मिनट जीरो ग्रैविटी (शून्य गुरुत्व) में बिताए। रॉकेट के ऊपरी हिस्से में छह अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए कैप्सूल बनाया गया है।
न्यू शेपर्ड की अगली उड़ान छह सप्ताह बाद यानी फरवरी के अंत तक होगी। इसके छह सप्ताह बाद यानी अप्रैल 2021 में ब्लू क्रू के साथ फ्लाइट को अंतरिक्ष में भेजने का मूल लक्ष्य है। अगली परीक्षण उड़ान एनएस-15 में क्रू की लोडिंग-अनलोडिंग का परीक्षण किया जाएगा। हालांकि कुछ जानकारों का कहना है कि टेस्ट फ्लाइट में ही अप्रैल तक का समय लग सकता है।
जेफ बेजोस ने स्पेस कंपनी ब्लू ओरिजिन की स्थापना वर्ष 2000 में की थी। इसकी फंडिंग के लिए वह अपने अमेजन के शेयर बेचते रहते हैं। ब्लू ओरिजिन के वाशिंगटन स्थित मुख्यालय में 3500 से ज्यादा कर्मचारी हैं। जेफ बेजोस की कंपनी ब्लू ओरिजिन की एलन मस्क की कंपनी ‘स्पेस एक्स’ के साथ प्रतिद्वंद्विता है। मई 2020 में स्पेसएक्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक मानव को पहुंचाने वाली पहली निजी कंपनी बन चुकी है। एलन मस्क ने हाल में जेफ बेजोस को पीछे छोड़कर दुनिया के सबसे अमीर शख्स बने हैं।
इसके अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष पर्यटन स्टार्टअप कंपनी ‘स्पेस पर्सपेक्टिव’ पर्यटकों को एक कैप्सूल बैलून में 20 मील यानी करीब एक लाख फुट ऊपर के वायुमंडल की सैर कराने की तैयारी कर रही है। स्टार्टअप ने कैप्सूल बैलून का नाम ‘स्पेसशिप नेप्च्यून’ दिया है, जिसमें 9 यात्री बैठ सकेंगे। यात्रा छह घंटे की होगी। दो घंटे वायुमंडल तक पहुंचने और उतरने में लगेंगे।
बचे हुए दो घंटे में वायुमंडल और अटलांटिक महासागर की खूबसूरती से रूबरू कराया जाएगा। यह सपना 2024 तक पूरा करने की उम्मीद जताई जा रही है। ‘स्पेसशिप नेप्च्यून’ बैलून को बनाने वाले स्टार्टअप को जेन पॉइंटर और टेबर मैक्लम ने मिलकर शुरू किया है। इनकी एक और कंपनी का नाम ‘वर्ल्ड व्यू’ है, जो अंतरिक्ष की तस्वीरों को सेंसर के जरिए खींचने का काम करती है। सेंसर को वायुमंडल में जाने वाले बैलून में लगाया जाता था। ‘स्पेसशिप नेप्च्यून’ बैलून का विचार वहीं से पनपा।
इस कंपनी ने हाल में जारी अपने बयान में कहा है कि पहली बार हम ऐसी उड़ान लोगों के लिए तैयार कर रहे हैं। यह काफी सुरक्षित और आरामदेह रहेगी। इसमें बैठना हवाई जहाज में बैठने जैसा होगा। इसमें बैठने के लिए किसी खास तरह के कपड़े पहनने की जरूरत नहीं है। एक लाख फुट ऊंचाई पर जाकर यात्री अलग ही खूबसूरती का अनुभव करेंगे। बैलून को फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर से छोड़ा जाएगा।