इस्लामिक देश सीरिया में गृह युद्ध के कारण स्थिति बिगड़ रही है। इस्लामी विद्रोहियों ने सीरिया के दक्षिणी हिस्से के डेरा इलाके पर कब्जा कर लिया है और अब वह राजधानी दमिश्क की तरफ बढ़ रहे हैं। इसके अलावा इस्लामी विद्रोही सीरिया के तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स के भी नजदीक पहुंच गए हैं और उन्होंने सेना से समर्थन की अपील की है। कुर्द लड़ाके भी आगे बढ़ रहे हैं और उन्होंने सीरिया के पूर्वी रेगिस्तान पर कब्जा कर लिया है।

भारत ने जारी की ट्रैवल एडवाइजरी

इस बीच भारत के विदेश मंत्रालय ने सीरिया में स्थिति को देखते हुए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है। सीरिया में जो कुछ भी हो रहा है, उस पर भारत सरकार नजर बनाए हुए हैं। भारत ने अपने नागरिकों को सीरिया जाने से मना किया है। वहीं जो नागरिक सीरिया में रह रहे हैं, उन्हें भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने को कहा गया है। अब हम सीरिया के साथ भारत के रिश्तों पर नजर डालते हैं।

भारत और सीरिया के बीच रिश्ते ऐतिहासिक

बता दें कि भारत और सीरिया के बीच रिश्ते ऐतिहासिक रहे हैं। कई परियोजनाओं पर अभी भी दोनों देश एक साथ काम कर रहे हैं। सीरिया के विदेश मंत्री फैसल मकदाद ने 2022 में भारत का दौरा किया था। उस दौरान भारत ने बयान जारी कर कहा था कि एक पावर प्लांट और एक स्टील प्लांट बनाने के लिए भारत सीरिया को 28 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद प्रदान करेगा।

सीरिया युद्ध में झोंकने वाले अबू मोहम्मद अल जोलानी का पूरा कच्चा- चिट्ठा

नेहरू के ज़माने से अच्छे संबंध

आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने भी अरब देशों से अच्छे संबंध बनाए थे। नेहरू ने 1957 और 1960 में सीरिया का दौरा किया था। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार नेहरू के स्वागत में 10,000 से अधिक लोग एयरपोर्ट पर उस दौरान खड़े थे और भारत के समर्थन में नारे भी लगा रहे थे। इसके बाद 1978 और 1983 में सीरिया के तत्कालीन राष्ट्रपति हाफिज अल असद ने भारत का दौरा किया था। फिर 2003 में भारत के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेई सीरिया के दौरे पर गए थे। उस दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नवतेज सरना ने सीरिया टाइम्स को एक इंटरव्यू भी दिया था और कहा था कि भारत का सीरिया से संबंध काफी मजबूत है।

इसके बाद 2008 में जब भारत में मनमोहन सरकार थी, उस दौरान सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद भारत के दौरे पर आए थे। फिर 2010 में भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा सिंह पाटिल ने सीरिया का दौरा किया था। सीरिया की सत्ता वर्ष 2000 से बशर अल असद के पास है। वहीं उसके पहले उनके पिता के पास थी। ऐसे में भारत ने हमेशा असद परिवार के साथ अच्छे संबंध बनाए रखा। पढ़ें सीरिया में मौजूद भारतीय नागरिकों को विदेश मंत्रालय की सलाह