चीन की आर्थिक दुश्वारियां खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र ने राष्ट्रपति शी जिनपिंग के हवाले से लोगों को सलाह दी है कि वो धैर्य रखें। जल्दी सब कुछ ठीक हो जाएगा। पार्टी का जरनल अपने नेताओं के भाषण महीने बाद प्रकाशित करता रहता है। मुखपत्र ने जिनपिंग की 7 फरवरी के भाषण को सामने रखा। इसमें वो पार्टी के टॉप मेंबर्स से रूबरू थे। बीजिंग ने जैसे ही डराने वाला इकोनॉमिक डाटा लोगों के सामने रखा, उसके कुछ घंटे बाद मुखपत्र ने जिनपिंग की स्पीच को प्रकाशित कर दिया।
जिनपिंग ने देश में आर्थिक संकट के बीच धैर्य रखने का आह्वान किया। कहा कि पश्चिमी देश परेशानियां बढ़ा रहे हैं। पार्टी की पत्रिका Qiushi में राष्ट्रपति का भाषण प्रकाशित किया गया। इससे कुछ घंटे पहले ही जारी आंकड़ों में संघर्षरत उद्यमियों को समर्थन देने के आधिकारिक वादों के बावजूद जुलाई में उपभोक्ता व फैक्टरी गतिविधि और कमजोर होने की बात सामने आई थी। सरकार ने अब बेरोजगारी को लेकर आंकड़े जारी करना बंद कर दिया है। जिनपिंग ने कहा कि हमें धैर्य बनाए रखना चाहिए और स्थिर व चरणबद्ध प्रगति पर जोर देना चाहिए।
पश्चिमी देशों पर फोड़ा अपनी कमियों का ठीकरा
Qiushi के अनुसार राष्ट्रपति ने यह भाषण फरवरी में दक्षिण-पश्चिमी शहर चोंगकिंग में दिया था। शी ने कहा कि पश्चिमी शैली का आधुनिकीकरण अधिकतर लोगों के हितों में नहीं है। ये पूंजीगत हितों को बढ़ावा देता है। उन्होंने कहा कि आज पश्चिमी देश परेशानियां बढ़ा रहे हैं। ध्यान रहे कि चीन में अप्रैल-जून में आर्थिक वृद्धि घटकर 0.8 फीसदी तक गिर चुकी है। जबकि ये जनवरी-मार्च में 2.2 फीसदी थी।
अपना घर दुरुस्त नहीं, श्रीलंका को मदद का आश्वासन दे रहा चीन
चीन श्रीलंका का सबसे बड़े ऋणदाता है। उसने उसे आर्थिक दुश्वारियों से निपटने में मदद का आश्वासन दिया है। चीन ने यह आश्वासन ऐसे समय में दिया है, जब देश को सितंबर तक अपने बाहरी और घरेलू ऋण पुनर्गठन को अंतिम रूप देना है। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) इस साल मार्च में दिए गए 2.9 अरब डॉलर के राहत पैकेज की पहली समीक्षा करेगा। आईएमएफ 11-19 सितंबर को यह समीक्षा करेगा।