चीन के एक जू में टाइगर का पेशाब बेचा जा रहा है। जू का दावा है कि टाइगर के मूत्र से गठिया (Arthritis) का इलाज हो सकता है। सिचुआन प्रांत में याआन बिफेंगक्सिया वन्यजीव चिड़ियाघर, साइबेरियाई टाइगर के मूत्र की 250 ग्राम की बोतलें 50 युआन (₹595) में बेच रहा है।
जू का दावा है कि टाइगर की यूरिन गठिया (Rheumatoid Arthritis), मोच और मांसपेशियों के दर्द जैसी बीमारियों का इलाज कर सकता है। चिड़ियाघर टाइगर मूत्र को व्हाइट वाइन के साथ मिलाकर अदरक के टुकड़ों के साथ प्रभावित अंगों पर लगाने की सलाह देता है। साथ ही यह इसे पीने का भी सुझाव देता है लेकिन एलर्जी होने पर बंद करने की सलाह देता है।
इस तरह इकट्ठा किया जाता है टाइगर का पेशाब
चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने स्थानीय मीडिया को बताया कि बाघों के पेशाब करने के बाद मूत्र को बेसिन में इकट्ठा किया जाता है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि बिक्री से पहले उत्पाद को किसी तरह से कीटाणुरहित किया जाता है या नहीं। हालांकि, इलाज के दावे के बावजूद इसकी बिक्री कम है और प्रतिदिन अधिकतम दो बोतलें ही बिक रही हैं। 2014 में, चिड़ियाघर ने कथित तौर पर एक आउटडोर रियलिटी शो में सेलिब्रिटी प्रतियोगियों को पुरस्कार के रूप में टाइगर का मूत्र दिया था।
विशेषज्ञों ने टाइगर के मूत्र से जुड़े औषधीय दावों को किया खारिज
हुबेई प्रांतीय पारंपरिक चीनी चिकित्सा अस्पताल के एक फार्मासिस्ट ने टाइगर के मूत्र से जुड़े औषधीय दावों को खारिज किया है। फार्मासिस्ट ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि टाइगर के मूत्र का पारंपरिक चीनी चिकित्सा में कोई आधार नहीं है और इसके कथित स्वास्थ्य लाभों का समर्थन करने के लिए वैज्ञानिक प्रमाणों का अभाव है। फार्मासिस्ट ने पर्यटकों को असत्यापित पदार्थों का उपयोग करने के खिलाफ चेतावनी दी कि वे स्वास्थ्य स्थितियों को कम करने के बजाय बढ़ा सकते हैं।
फार्मासिस्ट ने साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट को बताया, “बिना सबूत के इसके महत्व को बढ़ा-चढ़ाकर बताना पारंपरिक चीनी चिकित्सा को खराब करता है और बाघ संरक्षण को नुकसान पहुंचाता है।” एक पारंपरिक चीनी चिकित्सा व्यवसायी ने भी औषधीय उत्पाद बेचने के लिए चिड़ियाघर की योग्यता पर सवाल उठाया, उन्होंने कहा कि सभी दवाओं को गवर्नमेंट रेगुलटरों द्वारा अप्रूव किया जाना चाहिए। हालांकि, चिड़ियाघर के कर्मचारियों ने जोर देकर कहा कि उनके पास टाइगर यूरिन बेचने के लिए वैध कमर्शियल लाइसेंस है।
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
टाइगर की हड्डियों को चीनी चिकित्सा ग्रंथों में गठिया और मिर्गी के उपचार के रूप में वर्णित किया गया है, हालांकि चीनी सरकार द्वारा उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बाघ की हड्डियों और बाघ से बने अन्य उत्पादों से जुड़े दावे पश्चिमी चिकित्सा हलकों में विवादास्पद और अस्वीकार्य बने हुए हैं।
सोशल मीडिया पर भी इसे लेकर बहस छिड़ गयी है। इस पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं, कुछ लोगों ने जिज्ञासा व्यक्त की तो कुछ ने स्वास्थ्य और सुरक्षा संबंधी चिंताएं जताईं। कई यूजर्स ने सवाल उठाया कि क्या मूत्र से बैक्टीरिया नहीं फैलेंगे? यह सोचना ही घिनौना है।” पढ़ें देश दुनिया की तमाम बड़ी खबरों के लेटेस्ट अपडेट्स