US-China War Reciprocal Tariff: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से अमेरिका में सत्ता वापसी की है, सबसे ज्यादा जिक्र टैरिफ का हुआ है। वे साफ कर चुके हैं कि जो देश उन पर जितना टैरिफ लगाएगा, उतना ही टैरिफ उस पर भी लग जाएगा। इस रणनीति को रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाता है। अब ट्रंप की इसी नीति से चीन बुरी तरह नाराज हो गया है, उसने खुली धमकी देने का काम कर दिया है।
चीन ने अमेरिका को क्या धमकी दी?
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने एक जारी बयान में कहा कि अगर अमेरिका युद्ध चाहता है तो यही सही, बात चाहे टैरिफ युद्ध की हो, व्यापार युद्ध की हो या फिर किसी दूसरे युद्ध की, हम अंत तक लड़ने को तैयार हैं। चीन के साथ ये डराने-धमकाने का काम नहीं चलने वाला है। चीन यही पर नहीं रुका है, उसने अमेरिका पर उसके मुल्क को बदनाम करने का बड़ा आरोप जड़ दिया है।
चीन ने अमेरिका पर क्या आरोप लगाए?
चीन के मुताबिक उनकी तरफ से पूरी कोशिश की गई थी कि इस मुद्दे को शांति से निपटाया जाए, चीन ने तो मदद की थी, लेकिन अमेरिका दंड दे रहा है। इस समय अमेरिका में जो फेंटेनाइल संकट आया है, इसके लिए सिर्फ और सिर्फ अमेरिका ही जिम्मेदार है। किसी दूसरे देश को दंडित करने से इस समस्या का हल नहीं निकलने वाला। अब चीन का इतना गुस्सा इसलिए है क्योंकि राष्ट्रपति ट्रंप अपने हर संबोधन में चीन पर निशाना साध रहे हैं, वे साफ कर चुके हैं कि चीन की मनमानी नहीं चलने वाली है।
वैसे चीन के साथ-साथ ट्रंप की तरफ से भारत को भी लगातार निशाने पर लिया गया है। तमाम आश्वासन के बावजूद भी भारत को कोई राहत नहीं दी जा रही है। राष्ट्रपति ट्रंप का तर्क है कि वे व्यापार में समानता चाहते हैं, वे चाहते हैं कि अमेरिका से जितना पैसा लिया जा रहा है, उतना ही पैसा दिया भी जाए। इसी वजह से सबसे ज्यादा चर्चा रेसिप्रोकल टैरिफ की हो रही है।
Reciprocal Tariffs का मतलब क्या?
Reciprocal Tariffs का सीधा मतलब होता है कि कोई देश अगर आप के सामान पर 10 फीसदी टैक्स लगा रहा है, तो आप भी उसके देश पर उतना ही टैक्स लगा देंगे। इस समान टैक्स प्रक्रिया को ही बिजनेस की भाषा में रेसिप्रोकल टैरिफ कहते हैं। इसे एक उदाहरण से भी समझ सकते हैं। मान लीजिए कि अमेरिका, भारत से आने वाले सामान पर सिर्फ 10 फीसदी टैरिफ लगाता है, लेकिन जब अमेरिका कोई सामान भारत को भेजता है तो हिंदुस्तान उस पर 70 फीसदी टैक्स लगा देता है।
Reciprocal Tariffs क्यों लगाया जाता है?
सरल शब्दों में बोलें तो रेसिप्रोकल टैरिफ के तीन बड़े मकसद रहते हैं। सबसे पहले तो जब ट्रेड बैलेंस में संतुलन लाना होता है, तब रेसिप्रोकल टैरिफ लगा देते हैं। इसी तरह जब कोई देश चाहता है कि उसके स्थानीय उद्योगों की रक्षा हो सके, तब भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगता है। इसके अलावा कई बार अनुचित बिजने कॉम्पीटिशन को रोकने के लिए भी कई देश रेसिप्रोकल टैरिफ का ही सहारा लेते हैं। अगर Reciprocal Tariffs के बारे में और जानकारी चाहिए तो यह खबर पढ़ सकते हैं।