पड़ोसी देश चीन पिछले कई सालों से घटती आबादी के संकट से जूझ रहा है। चीनी सरकार की कई नीतियों के बावजूद युवा बच्चे पैदा करने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं। वहीं, दूसरी ओर पालतू जानवर (Pets) रखने का शौक देश में खूब बढ़ रहा है, खासतौर से बिल्ली और कुत्तों की संख्या चीनी घरों में तेजी से बढ़ी है। ऐसे में चीन में जल्द ही बच्चों से ज्यादा पालतू जानवर हो जाएंगे। ये बदलाव सरकार के लिए नया सिरदर्द बन रहा है।
चीन ने 2016 में एक बच्चे की नीति को खत्म कर दिया था और सरकार अब चाहती है कि जोड़े तीन बच्चे पैदा करें लेकिन चीनी लोग बच्चों के बजाय कुत्ते और बिल्ली पाल रहे हैं। CNN और गोल्डमैन सैश की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन के शहरी पालतू जानवरों की आबादी 2024 के अंत तक चार साल से कम उम्र के बच्चों की संख्या को पार कर जाएगी क्योंकि यहां बच्चे पैदा करने की जगह पालूत जानवरों को रखने का चलन बढ़ रहा है।
गुरुवार को जारी की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि दशकों से चली आ रही एक बच्चे की नीति के बाद चीन की आबादी तेज़ी से बूढ़ी हो रही है और उसका कार्यबल सिकुड़ रहा है। युवा जनसंख्या अनुसंधान संस्थान द्वारा की गयी एक स्टडी में पाया गया कि चीन में एक बच्चों को पालने के मामले में सबसे महंगा देश है। यहां एक बच्चे को पालने में दुनिया में सबसे अधिक खर्च होता है, जिसके बाद ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस का नंबर आता है।
बच्चों से ज्यादा होंगे कुत्ते-बिल्ली!
निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स की जुलाई की एक रिसर्च रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल के अंत तक चीन के शहरों में पालतू जानवरों की संख्या चार साल की उम्र के बच्चों की संख्या से ज्यादा हो जाएगी। यानि कि जल्द ही चीनी शहरों में इतने चार साल से कम उम्र के बच्चे भी नहीं होंगे, जितने पालतू जानवर होंगे।
वहीं, अगले 6 साल में यानि 2030 तक शहरी चीन में पालतू जानवरों की संख्या देश में छोटे बच्चों की संख्या से लगभग दोगुनी हो जाएगी। अगर ग्रामीण क्षेत्रों में कुत्तों और बिल्लियों की संख्या को शामिल कर लिया जाए तो ये संख्या और ज्यादा हो जाएगी।