अमेरिका के लिए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नई राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का सोमवार को एेलान किया गया। इसमें वैश्विक शक्ति के तौर पर उभरते भारत को समर्थन देने का वादा किया गया है, जबकि चीन, रूस और इस्लाम को मुख्य खतरा बताया गया है। द हिंदू के मुताबिक अमेरिकी रणनीति दस्तावेज में कहा गया, ”हम एक प्रमुख वैश्विक शक्ति, मजबूत रणनीतिक और रक्षा सहयोगी के रूप में उभरते भारत का स्वागत करते हैं”। नरेंद्र मोदी सरकार का मकसद भारत को ‘संतुलित शक्ति’ की जगह ‘प्रमुख शक्ति’ बनाने का रहा है। अमेरिकी सरकार ने कहा, ”हम जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के साथ चतुर्भुज सहयोग बढ़ाने की कोशिश करेंगे।

साथ ही भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग का विस्तार भी किया जाएगा। ट्रंप के प्लान में एक ओर जहां भारत को दक्षिण एवं मध्य एशिया व इंडो पैसिफिक में अहम साझेदार चुना गया है। वहीं चीन को दोनों ही विभागों में खतरा बताया गया है। इस दस्तावेज में कहा गया कि अमेरिका ”दक्षिण एशियाई देशों को अपनी संप्रभुता बनाए रखने में मदद करेगा, क्योंकि चीन इस क्षेत्र में इसके प्रभाव को बढ़ा रहा है”।

साथ में यह भी कहा गया कि इंडो-पैसिफिक में कई देश नेतृत्व के लिए अमेरिका की ओर देख रहे थे, क्योंकि ”चीन से कई देशों को अपनी संप्रभुता खत्म होने का डर है।” इस दस्तावेज में पाकिस्तान को चेतावनी जारी की गई है, जो ट्रंप इसी साल अफगानिस्तान के लिए अपनी “क्षेत्रीय रणनीति” में दिखा चुके हैं”। इसके मुताबिक हम आतंकवाद के खिलाफ प्रयासों को तेज करने के लिए पाकिस्तान पर दबाव बनाएंगे, क्योंकि आतंकियों का समर्थन करने वाले देश के साथ साझेदारी टिक नहीं सकती। आतंकवादियों के हाथ परमाणु हथियार न लग जाएं इस पर अमेरिका ने कहा कि वह पाकिस्तान से अपने न्यूक्लियर हथियारों का सही तरीके से प्रबंधन करने को कहेगा।