चीन का दोहरा चेहरा एक बार फिर सामने आया है। डोकलाम विवाद से जुड़ा एक नया खुलासा हुआ है। पड़ोसी देश भारत को डोकलाम में उलझाकर हलके युद्धक टैंक को विकसित करने में जुटा था। न्‍यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ ने हांगकांग से प्रकाशित होने वाले न्‍यूजपेपर ‘साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्‍ट’ के हवाले से चौंकाने वाली खबर दी है। दरअसल, पिछले साल जून में चीन एक तरफ भारत को डोकलाम में उलझाए हुए था, वहीं दूसरी तरफ एक अन्‍य सीमावर्ती इलाके तिब्‍बत में पठारी इलाकों में ऑपरेशन को अंजाम देने में सक्षम युद्धक टैंक का परीक्षण कर रहा था। स्‍वदेश निर्मित नई पीढ़ी का टाइप-15 टैंक अन्‍य की अपेक्षा काफी हलका है। पीपुल्‍स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने नवंबर में पहली बार इस टैंक को प्रदर्शनी में सार्वजनिक किया था। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्‍ता कर्नल वू कियान ने टाइप-15 टैंक को सेना के हवाले करने की पुष्टि की है। उन्‍होंने बताया कि उनकी जानकारी के मुताबिक इस टैंक को सेना को सौंपा जा चुका है।

मिसाइल दागने में भी सक्षम: मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, टाइप-15 लाइट टैंक प्रतिद्वंद्वियों के हथियार को नष्‍ट करने में सक्षम 105 एमएम गन से लैस है। इसके अलावा इस टैंक से गाइडेड मिसाइल्‍स भी दागी जा सकती हैं। नया विकसित टैंक चीनी सेना के पहले के टैंकों के मुकाबले बहुत हलका है। इसमें 1000 हॉर्स पावर वाले इंजन का इस्‍तेमाल किया गया है। टाइप-15 लाइट टैंक का वजन महज 32 से 35 टन है। टाइप-99 टैंक का वजन 54 से 58 टन और टाइप-96 टैंक तकरीबन 43 टन भारी है। ऐसे में इसकी तैनाती में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। साथ ही यह टैंक अत्‍याधुनिक हाइड्रो-न्‍यूमेटिक संस्‍पेंशन सिस्‍टम से भी लैस है। इसकी मदद से टाइप-15 टैंक पहाड़ी और पठारी क्षेत्रों में बेहतर तरीके से निगरानी करने में सक्षम है। टैंक को अपेक्षाकृत कम समय में बेहतर तरीके से कहीं भी तैनात किया जा सकता है।

डोकलाम में सेनाएं थीं आमने-सामने: पिछले साल जून महीने में भारत और चीन की सेनाएं सिक्किम सेक्‍टर के डोकलाम में आमने-सामने आ गई थीं। चीनी सेना इस क्षेत्र में सड़का बनाने का काम शुरू कर दिया था, जिसे भारतीय सेना ने रोक दिया था। इस क्षेत्र में लगातार 73 दिनों तक दोनों देशों की सेनाओं के बीच टकराव जैसे हालात थे। सैन्‍य के बाद सरकार के स्‍तर पर भी विवाद को सुलझाने का प्रयास किया गया था। कूटनीतिक पहल के बाद कहीं जाकर यह मामला सुलझा था। हालांकि, मिसाइल प्रक्षेपित करने में सक्षम अत्‍याधुनिक टैंक विकसित करने से चीन शक के घेरे में आ गया है। इतना ही नहीं चीनी सेना ने इस टैंक का भारत की सीमा से लगते तिब्‍बत क्षेत्र में ही परीक्षण भी किया।