Retirement Age: बुजुर्ग होती कामकाजी आबादी से परेशान चीन अब कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने की योजना बना रहा है। दरअसल, घटती जन्मदर और बुजुर्गों की बढ़ती आबादी से चीन में काम करने के ल‍िए लोगों की भारी कमी होती जा रही है। रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने की सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की प्लानिंग से जनता के बीच में नाराजगी की लहर है।

शहरी इलाकों में पुरुष 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं और वहीं महिलाओं की रिटायर होने की उम्र उनके काम के हिसाब से 50 या 55 साल है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की हाल ही में खत्म हुई तीसरी मीटिंग में इकॉनामी को आगे बढ़ाने के लिए काफी सारे सुधारों का खुलासा किया गया है। यह गहराते डेमोग्राफिक संकट, सुस्त विकास और बढ़ते हुए सरकारी कर्ज से परेशान है। पार्टी ने देश में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने के तरीके पर भी चर्चा की।

चीन की जनसंख्या में आएगी गिरावट

11 जुलाई को जारी वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स 2024 रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन की जनसंख्या 2024 में 1.41 बिलियन है। वह साल 2054 में गिरकर 1.21 बिलियन हो जाएगी और 2100 तक और घटकर 633 मिलियन हो जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया कि अनुमान है कि इस समय दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला चीन 2024 और 2054 के बीच में जनसंख्या में गिरावट को देखेगा। चीन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2023 के आखिर तक जनसंख्या और इसकी संरचना बताती है कि 60 साल और उससे ज्यादा की उम्र की जनसंख्या कुल का 21.1 फीसदी था यानी 296.97 मिलियन थी और इनमें से 65 साल के 216.76 फीसदी और उससे ज्यादा उम्र की थी। कामकाजी उम्र के लोग 16 से 60 साल तक की जनसंख्या 61.3 प्रतिशत (864.81 मिलियन) है।

युवाओं के लिए नौकरियों में कम होंगे अवसर

पिछले हफ्ते यहां पर आयोजित प्लेनम दस्तावेज में 2029 तक पूरे किए जाने वाले सुधारों के तौर पर करीब 300 उपायो को लिस्टेड किया गया है। हालांकि, सीपीसी ने रिटायरमेंट बढ़ाने की योजना को लागू करने के लिए आधिकारिक तौर पर किसी भी कार्यक्रम का ऐलान नहीं किया है। दस्तावेज के मुताबिक, सरकार रिटायरमेंट को सही तरीके से बढ़ाने के लिए कदम उठाएगी और बूढ़े लोगों के लिए अलग-अलग नौकरियां पैदा करने के लिए रजत इकॉनामी विकसित करने की कोशिश करेगी।

लेकिन इस योजना पर काफी टाइम से काम चल रहा है। चीनी सोशल मीडिया पर लोगों ने प्रतिक्रिया देना शुरू कर दिया है। लोगों ने अपनी पेंशन में देरी होने के आसार व्यक्त किए हैं और युवा लोगों का कहना है कि रिटायरमेंट की उम्र बढ़ने से वे बेरोजगार हो जाएंगे। अगर पुराने कर्मचारी टिके रहते हैं तो नौकरियां भी कम हो जाएंगी।

रोजगार का बढ़ सकता है प्रेशर

लोगों ने 2019 की एक रिपोर्ट को भी शेयर किया है। इसमें कहा गया था कि बढ़ती चिंताओं के बीच चीन का राज्य पेंशन फंड अपने घटते काम की वजह से कम हो जाएगा। प्रांतीय सरकार से जुड़े थिंक टैंक गुआंगडोंग सोसाइटी ऑफ रिफॉर्म के कार्यकारी अध्यक्ष पेंग पेंग ने कहा कि रिटायरमेंट में देरी करना आज की इकोनॉमी में दोधारी तलवार हो सकती है। उन्होंने कहा कि यह स्थानीय सरकारों पर इकोनॉमी के बोझ को तो कम कर सकता है लेकिन इससे रोजगार का दबाव भी बढ़ सकता है। रिटायरमेंट में देरी करने पर कुछ लोगों के विरोध का सामना करना पड़ता है। 50 साल की उम्र के बाद उनका वेतन कम रहता है। इसलिए वे रिटायर होना पंसद करते हैं। वह सब ही जल्द ही पेंशन लेना भी शुरू कर देते हैं।

भारत में कितनी है रिटायरमेंट की उम्र

अगर बात भारत की करें तो यहां पर रिटायरमेंट की उम्र एक जैसी नहीं है। केंद्र सरकार में नौकरियों में रिटायरमेंट की उम्र 60 साल है वहीं राज्य सरकारों में ये 58 से 60 साल तक है। देश में सुप्रीम कोर्ट के जजों की उम्र की बात करें तो यह 65 साल है जबकि विश्वद्यालय में शिक्षकों के लिए ये उम्र 62 साल है। भारत में पहले रिटायरमेंट की उम्र 60 साल थी लेकिन 60 के दशक में इसे घटाकर 58 साल कर किया गया था। मई 1998 में केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के रिटायर होने की उम्र 58 से बढ़ाकर 60 कर दिया था। लेकिन भारत के पास फिलहाल ना तो युवा आबादी की कमी है और ना ही कामकाजी आबादी की।