चीन सेना ने कोरिया के पास बोहाई सागर के पूर्वोत्तर में विमानवाहक पोत और जंगी जहाजों का इस्तेमाल करते हुए पहली बार लाइव-फायर (बमबारी) का अभ्यास किया। चीन की सरकारी मीडिया ने यह जानकारी दी। इस ड्रिल की सही टाइमिंग और सटीक लोकेशन का खुलासा नहीं किया गया है।
विवादित दक्षिण चीन सागर क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य उपस्थिति से चिंताएं पनप रही हैं और अमेरिका भी चीन द्वारा इलाके के सैन्यीकरण किए जाने और अबाध आवागमन सुनिश्चित करने के नाम पर की लगातार जा रही हवाई और समुद्री गश्त की आलोचना करता रहा है।
बोहाई सागर में चीन के इस आवागमन मार्ग पर किसी अन्य देश का दावा नहीं है, लेकिन चीन ने यह अभ्यास एेसे वक्त पर किया गया है, जब ताइवान के राष्ट्रपति से अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बातचीत की है। इस बातचीत के बाद से तनाव का माहौल बना हुआ है।
कम्युनिस्ट देश की सरकारी मीडिया चाईनीज़ सेंट्रल टेलीविजन (सीसीटीवी) ने गुरुवार देर रात प्रसारित रिपोर्ट में बताया कि युद्धाभ्यास में 10 युद्धपोतों और 10 विमानों ने शिरकत की और हवा से हवा में, हवा से समुद्र और समुद्र से हवा में मार करने वाले मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया।
टीवी रिपोर्ट में कहा गया, यह पहला मौका था, जब विमानवाहक पोतों के स्क्वॉड्रन ने वास्तविक गोलाबारूद और वास्तविक सैनिकों के साथ युद्धाभ्यास किया। सीसीटीवी के अनुसार, युद्धाभ्यास में चीन के सोवियत-निर्मित लियाओनिंग विमानवाहक पोतों तथा युद्धपोतों ने हवा में हमले को रोकने, विमानरोधी तथा मिसाइल-रोधी अभ्यास किया। अभ्यास में वास्तविक मिसाइलों से लैस शेनयांग जे-15 लड़ाकू विमानों ने भी भाग लिया। पहली बार J-15 किसी ड्रिल में भाग लेते दिखाई दिया है।
सीसीटीवी ने लड़ाकू विमानों के पोतों से उड़ान भरने, मिसाइलें दागने और समुद्र में स्थित लक्ष्य को नष्ट करने की तस्वीरें भी प्रसारित कीं। इस बीच, चीनी नौसेना के एक अधिकारी ने नाम न छापे जाने की शर्त पर सरकारी चाइना न्यूज सर्विस को बताया कि चीन का युद्धाभ्यास उपकरणों और सेना के प्रशिक्षण स्तर का परीक्षण करने के उद्देश्य से किया गया था।
बता दें कि अमेरिका ने हाल ही में आरोप लगाया था कि साउथ चाइना सी के आर्टिफिशियल आईलैंड्स पर चीन एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी मिसाइल सिस्टम तैनात कर रहा है।