एक लीक डॉक्यूमेंट से खुलासा हुआ है कि चीन के शिनजियांग क्षेत्र में 10 लाख से अधिक उइगर जेलों में बंद हैं। डाटाबेस से हजारों उइगरों की दयनीय स्थिति का पता चलता है। लीक हुआ डेटा 137 पेज की एक पीडीएफ फाइल है जो एक्सेल शीट या वर्ड टेबल द्वारा तैयार किया गया है। इससे पता चलता है कि चीन किस तरह से मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रहा है।
वाशिंगटन डीसी में कम्युनिज्म मेमोरियल फांउडेशन के सीनीयर फेलो एड्रियन जेनज ने कहा कि यह क्षेत्र चीन की कम्युनिस्ट सरकार की देखरेख में है। यहां कई डिटेंशन सेंटर और जेलों का एक सीक्रेट नेटवर्क है। रिपोर्ट के मुताबिक यहां लाखों उइगर और अन्य अल्पसंख्यकों को वहां कैद करके रखा गया है। चीनी सरकार हर कैदी के परिवार तक पर नजर रखती है। लीक हुई सूची में हरेक कैदी का रिकॉर्ड दर्ज हैं।
AP की रिपोर्ट के मुताबिक बीते कुछ महीनों में यह तीसरी बार बार है जब कोई चीनी सरकारी दस्तावेज लीक हुए हैं। लीक हुई जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यकों के साथ किया जा रहा यह दमन एक खतरनाक तस्वीर पेश करता है। मुस्लिम बहुल उइगरों से उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान छीनी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक जिन परिवारों में ज्यादा बच्चे होते हैं उन्हें बंदी गृह में भेजा जाता है। तीन या तीन से ज्यादा बच्चों के माता-पिता को उनके परिवार से अलग कर दिया जाता है। उन्हें तब तक अलग रखा जाता है, जब तक वो भारी जुर्माना नहीं भरते हैं।
लीक रिपोर्ट की दास्तान इतनी खौफनाक हैं कि इसकी चर्चा दुनिया भर में हो रही है। कई देशों ने इस मामले मे चीन के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। यूरोपियन यूनियन, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका और जापान की देखरेख में बने एक संगठन इंटर पार्लियामेंट्री अलायंस ऑन चाइना ने संयुक्त राष्ट्र से स्वतंत्र जांच की मांग की है।
कौन हैं ये लोग
उइगर पूर्वी और मध्य एशिया में बसने वाले तुर्की जाति की एक जनजाति है। वर्तमान में उइगर लोग अधिकतर चीन के शिनजियांग में बसते हैं। इनमें से लगभग 80 फीसदी लोग इस क्षेत्र के दक्षिण-पश्चिम में स्थित तारिम घाटी में रहते हैं। ये लोग उइगर भाषा बोलते हैं जो तुर्की की एक बोली है। माना जाता है कि 14वीं सदी में हूनान प्रांत के एक विद्रोह को दबाने के लिए मिंग राजा ने इन लोगों को बुलाया गया था। कुछ सैनिक वहीं बस गए थे, जिन्हें तत्कालीन शासक ने जिआन बताया था।