चीन की दादागिरी सिर्फ भारत में ही नहीं दिखती है, बल्कि वह दुनिया के हर देश पर अपना इसी तरह का अधिकारी समझता है। इसकी वजह से कई बार उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विरोधों का सामना करना पड़ता है। हाल ही में चीन ने अपने विदेश मंत्री वांग यी का बांग्लादेश दौरे की तिथि निर्धारित कर दी, लेकिन इसके लिए न तो बांग्लादेश से कोई चर्चा की और न ही उसे सूचना दी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर राजनेताओं के दौरे के लिए महीनों पहले दोनों देशों की तरफ से चर्चा करके तिथि निर्धारित की जाती रही हैं, लेकिन चीन ने ऐसा करना जरूरी नहीं समझा और सीधे एक तिथि तय कर अपने विदेश मंत्री के बांग्लादेश दौरे की घोषणा कर दी। इसकी जानकारी बांग्लादेश को हुई तो उसने कड़ी प्रतिक्रिया दी और पीएम शेख हसीना ने इस दौरे पर ही आपत्ति जता दी।

कड़ी प्रतिक्रिया के बाद बदलीं यात्रा की तारीखें

बांग्लादेश के इस प्रतिक्रिया के बाद चीन को भारी शर्मिंदगी झेलनी पड़ी। इसको लेकर दुनियाभर के देशों में चीन को लेकर कड़ा विरोध हुआ। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी झेलने के बाद चीन ने यात्रा की तारीखों में बदलाव किया है। अब संभावना जताई जा रही है कि 7-8 अगस्त को वांग यी बांग्लादेश की यात्रा पर आ सकते हैं। 

फिलहाल वह कई देशों की यात्रा पर अपने देश से बाहर हैं। चीन विदेश विभाग के मुताबिक उसक विदेश मंत्री न्यूयार्क, कंबोडिया और मंगोलिया की यात्रा पर है। इसके बाद उनके बांग्लादेश की राजधाना ढाका पहुंचने की संभावना है।

इस बीच चीन ने पड़ोसी ताइवान में अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के पहुंचने पर आग बबूला हो गया है। चीन ने अमेरिका को चेतावनी दी है कि उसे इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। चीन ने बुधवार को बीजिंग स्थित अमेरिकी राजदूत को तलब कर कड़ी चेतावनी दी।

दरअसल चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है। वह ताइवान को कभी स्वतंत्र देश की मान्यता नहीं दिया है। इसके चलते वह दुनिया के दूसरे देशों के राजनेताओं को भी ताइवान की यात्रा करने से रोकता है। अमेरिकी संसद की स्पीकर नैन्सी पेलोसी के ताइवान पहुंचने से पहले चीन ने अमेरिका को चेताया था, हालांकि अमेरिका ने उसकी परवाह न करते हुए नैन्सी पेलोसी को ताइवान की यात्रा पर जाने दिया।