चीन और चेक गणराज्य के बीच तनातनी बढ़ गई है। चीन ने चेक गणराज्य के राष्ट्रपति पेट्र पावेल के साथ अपने संबंध तोड़ दिए हैं। चीन ने कहा है कि वह दलाई लामा से चेक गणराज्य के राष्ट्रपति पेट्र पावेल की मुलाकात को लेकर उनके साथ बातचीत बंद कर देगा। पेट्र पावेल ने जुलाई में भारत में 14वें दलाई लामा से मुलाक़ात की थी। तब भी चीन ने इसका कड़ा विरोध किया था। चीन दलाई लामा को अलगाववादी मानता है।

चीन ने क्या कहा?

चेक गणराज्य के राष्ट्रपति कार्यालय ने कहा कि दलाई लामा ने पिछले महीने अपना 90वां जन्मदिन मनाया था और साथ यह मुलाकात निजी तौर पर हुई थी। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने मंगलवार को लिखित बयान में कहा, “चीन इसकी कड़ी निंदा करता है और इसका कड़ा विरोध करता है, और चेक गणराज्य के समक्ष गंभीर विरोध दर्ज कराया है। पेट्र पावेल की भड़काऊ कार्रवाई की गंभीरता को देखते हुए चीन उनके साथ सभी तरह की बातचीत बंद करने का फैसला करता है।”

सेंट्रल यूरोपियन देश चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन की मुखर आलोचना करते हैं। ये देश ताइवान के साथ चीन के सक्रिय राजनयिक एवं व्यावसायिक संबंधों को लेकर भी आलोचना करते हैं। मई में चेक गणराज्य के लोगों ने विदेश मंत्रालय के नेटवर्क पर साइबर हमले के लिए सरकारी चीनी हैकरों को ज़िम्मेदार ठहराया था। प्राग स्थित चीनी दूतावास ने तब इन आरोपों को निराधार बताते हुए खारिज कर दिया था।

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पेट्र पावेल दो साल पहले बने थे राष्ट्रपति

चेक गणराज्य के पूर्व आर्मी ऑफिसर और नाटो अधिकारी पेट्र पावेल ने दो साल पहले राष्ट्रपति पद का चुनाव जीता था। उन्होंने मिलोस ज़ेमान को हराया था, जो चीन के साथ घनिष्ठ आर्थिक संबंधों के प्रबल समर्थक थे। दलाई लामा के चेक गणराज्य के पूर्व राष्ट्रपति वाक्लाव हावेल के साथ घनिष्ठ संबंध थे, जिन्होंने प्राग में बार-बार उनका स्वागत किया था।

जब चेक गणराज्य के राष्ट्रपति से दलाई लामा की मीटिंग हुई थी, तब चीन ने कहा था कि वह राष्ट्रपति पेट्र पावेल की भारत में तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात का कड़ा विरोध करता है। चीन ने तब चेक गणराज्य से अपनी एक चीन राजनीतिक प्रतिबद्धता का पालन करने और स्वस्थ एवं स्थिर संबंध बनाए रखने का आग्रह किया था।