धुंध और वायु प्रदूषण से दुनिया के कई देश हलकान हैं। चीन भी इससे अछूता नहीं। धुंध से प्रभावित बेजिंग ने मंगलवार को पहली बार प्रदूषण को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है। चीन की राजधानी की हवा ‘खतरनाक’ हो गई है। साम्यवादी देश की राजधानी में यह स्थिति तब है जब दो करोड़ 20 लाख से अधिक की आबादी वाले शहर में आधी निजी कारें प्रतिबंध के कारण सड़कों पर नहीं चल रहीं और निर्माण स्थल बंद हैं। स्कूल भी बंद कर दिए गए हैं।
बेजिंग नंबर 2 एक्पेरिमेंटल प्राइमरी स्कूल में कल कुछ छात्र दिखे थे क्योंकि स्कूल ने बच्चों को एसएमएस भेज कर कहा था कि यह उनकी मर्जी है कि वे स्कूल आना चाहते हैं या घर पर रहने चाहते हैं। बेजिंग जियाओतोंग यूनिर्वसिटी से संबद्ध स्कूल में शारीरिक शिक्षा के शिक्षक ही जिन्गलॉन्ग की अगुआई में छात्रों ने कल इनडोर अभ्यास किया।
सरकारी समाचार एजंसी शिन्हुआ ने उसे उद्धृत करते हुए कहा, ‘हमने खास तौर पर धुंध के मौसम के लिए अभ्यास का सेट डिजाइन किया है ताकि छात्र फिट रहें।’ बेजिंग के शिक्षा आयोग ने कल रात एक नोटिस जारी कर सभी माध्यमिक, प्राथमिक स्कूलों और किंडरगार्टन से रेड अलर्ट जारी रहने तक कक्षाओं को निलंबित करने को कहा है।
रेड अलर्ट जारी रहने तक कार की संख्या को सीमित कर दिया जाएगा। कारों को उनके नबंर प्लेट के मुताबिक सम और विषम के आधार पर वैकल्पिक दिनों में ही सड़कों पर आने दिया जाएगा। इसके अलावा सम-विषम के आधार 30 फीसदी सरकारी कारों को भी चलने नहीं दिया जाएगा। कारों पर रोक के चलते अपेक्षा है कि रोजाना करीब 20 लाख और लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि बेजिंग सड़कों पर 21 हजार से 25 हजार और बसें उतारेगा जिनमें 8,182 बसें स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली होंगी।
बेजिंग नगर पर्यावरण निगरानी केंद्र के मुताबिक, धुंध गुरुवार तक रहेगी। उम्मीद है ठंड आने के साथ ही यह गुरुवार दोपहर से छंटने लगेगी। हर साल सर्दियों में बेजिंग में वायु प्रदूषण एक समस्या रहती है क्योंकि शहर में लाखों घरों को गर्म रखने के लिए कोयले से चलने वाले दर्जनों हीटरों का इस्तेमाल किया जाता है। इसी के साथ उद्योग, यातायात प्रदूषण के अलावा शहर के बाहरी इलाके में कृषि के कचरे को जलाने से होने वाला प्रदूषण भी अपना असर दिखाता है।
बेजिंग में मंगलवार को सुबह हवा ‘बहुत हानिकारक’ थी। क्योंकि हवा में पार्टिकुलेट मैटर यानी पीएम 2.5 का स्तर 365 पहुंच गया है यह सोमवार को 256 के स्तर पर था। पीएम 2.5 हवा में प्रदूषकों को मापने का एक पैमाना है। 2013 में बनाई गई चार स्तरीय आपात प्रतिक्रिया प्रणाली में सर्वोच्च स्तर पर आने वाले रेड अलर्ट के तहत सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया और बाहर होने वाले निर्माण कार्यों को रोक दिया गया है।
बेजिंग का यह रेड अलर्ट बहुत गंभीर स्तर है। इसे कल जारी किया गया था और यह गुरुवार दोपहर तक कायम रहेगा। अधिकारियों ने कारखानों और यातायात पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिकी दूतावास के पास बेजिंग एयर क्वालिटी मॉनिटर ने हवा में पीएम 2.5 का स्तर मंगलवार सुबह 365 बताया। अमेरिकी दूतावास के वर्गीकरण के मुताबिक, पीएम 2.5 का स्तर 300 के पार होने पर उसे ‘खतरनाक’ की श्रेणी में रखा जाता है जिसमें लोगों को घर से बाहर न निकलने सहित निवारक उपाय करने चाहिए।
सड़कों पर उतारीं बसें:
रेड अलर्ट जारी रहने तक कारों की संख्या को सीमित कर दिया जाएगा। कारों को उनके नबंर प्लेट के मुताबिक सम और विषम के आधार पर वैकल्पिक दिनों में ही सड़कों पर आने दिया जाएगा। इसके अलावा सम-विषम के आधार 30 फीसदी सरकारी कारों को भी चलने नहीं दिया जाएगा। कारों पर रोक के चलते अपेक्षा है कि रोजाना करीब 20 लाख और लोग सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि बेजिंग सड़कों पर 21 हजार से 25 हजार और बसें उतारेगा जिनमें 8,182 बसें स्वच्छ ऊर्जा से चलने वाली होंगी।