पुलिस के सामने समर्पण करने संबंधी खबरों को खारिज करते हुए अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन ने गुरुवार को कहा कि वह भारत वापस लौटना चाहता है जहां पर वह अति वांछित अपराधियों में एक है। जब उससे उन अटकलों के बारे में पूछा गया कि क्या उसने दाऊद इब्राहीम सहित प्रतिद्वंद्वी गिराहों से अपनी जान को खतरे और भारतीय खुफिया एजंसियों के साथ समझौते के कारण पुलिस के समक्ष समर्पण किया है तो उसने संवाददाताओं से कहा, ‘मैंने समर्पण नहीं किया।’
उसने इससे भी इनकार किया कि वह दाऊद से डरा हुआ है। गैंगस्टर की गिरफ्तारी को लेकर इस बात की अटकलें तेज हैं कि उसकी गिरफ्तारी भारतीय सुरक्षा एजंसियों के साथ ‘समझौते’ का हिस्सा है। वह 75 से ज्यादा संगीन मामलों में वांछित है जिसमें हत्या से लेकर उगाही, तस्करी और मादक पदार्थों की तस्करी शामिल है। उसने कहा, मैं यहां बहुत दिक्कतों का सामना कर रहा हूं। उन लोगों ने मुझे पकड़ के रखा। मैं भारत वापस जाना चाहता हूं। 55 वर्षीय राजन ने इससे इनकार किया कि वह जिंबाब्वे जाना चाहता था जहां कथित तौर पर उसका कारोबार है। उसने कहा, मैं जिंबाब्वे नहीं जाना चाहता था। राजन का असली नाम राजेंद्र सदाशिव निखलजी है।
कभी आतंकवादी और अपराध जगत के सरगना दाऊद इब्राहीम के विश्वस्त रहे डॉन ने बताया कि 1993 के मुंबई विस्फोट मामले में मुख्य आरोपी दाऊद से वह डरा हुआ नहीं है। मुंबई में जन्मे राजन ने कहा, मैं दाऊद से नहीं डरता। मैं यहां सीबीआइ के आने का इंतजार कर रहा हूं। सूत्रों ने बताया कि भारतीय अधिकारियों के पास उसकी पहचान की पुष्टि के लिए 15 दिन का समय है और सरकार ने कथित तौर पर उसकी हिरासत के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है। बाली के पुलिस आयुक्त रेनहार्ड नैनगोलन ने बताया कि राजन की गिरफ्तारी इंटरपोल की निगरानी के अंतर्गत गंभीर कानून प्रवर्तन का काम था।
राजन भारत के सबसे वांछित गैंगस्टरों में से एक है। उसे इंटरपोल द्वारा उसके खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस पर इंडोनेशिया के इस लोकप्रिय पर्यटन स्थल से गिरफ्तार किया गया है। उसने दो दशक से भी ज्यादा वक्त तक कानून प्रवर्तन एजंसियों को चकमा दिया है। उसके खिलाफ 75 मामलों में से चार मामले टाडा के, एक मामला पोटा और 20 से ज्यादा मामले मकोका के तहत दर्ज हैं। भारतीय सुरक्षा एजंसियां गैंगस्टर को वापस लाने के लिए यहां संभवतया एक दल भेज सकती हैं। वह रविवार से हिरासत में है।
छोटा राजन को भारत वापस लाने की तैयारियों के बारे में सूत्र मौन हैं क्योंकि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहीम और उसके गिरोह के साथ धुर प्रतिद्वंद्विता के चलते उसकी सुरक्षा को लेकर चिंता जुड़ी हुई है। सूत्रों ने कहा कि एजंसियां राजन को वापस लाने के लिए एक से ज्यादा योजना पर काम कर रही हैं। छोटा राजन कभी दाऊद का दाहिना हाथ माना जाता था। उन्होंने बताया कि ऑस्ट्रेलियाई पुलिस से मिली गुप्त सूचना के आधार पर इंडोनेशिया की पुलिस ने जब राजन को यहां हवाई अड्डे पर पकड़ा तो वह मोहन कुमार की पहचान पर यात्रा कर रहा था और उसके पास जी 9273860 नबंर का पासपोर्ट था। वह गरुड़ इंडोनेशिया की उड़ान जीए 715 से वहां पहुंचा था। उन्होंने बताया कि राजन पिछले छह महीने से भारत वापस आने के लिए रास्ता तलाशने की खातिर विभिन्न पुलिस अधिकारियों के संपर्क में था क्योंकि उसे आॅस्ट्रेलिया में छोटा शकील से अपनी जान को खतरा था।
उधर मुंबई पुलिस छोटा राजन से जुड़े सभी मामलों से निपटने के लिए तैयार है और उसने इस बाबत उठाए गए कदमों से केंद्रीय गृह मंत्रालय को अवगत कराया।
मुंबई के पुलिस आयुक्त जावेद अहमद ने यहां एक समारोह में कहा, सच्चाई यह है कि उसे हमारे रेड कॉर्नर नोटिस पर गिरफ्तार किया गया है और वह कई मामलों में वांछित है। मुंबई पुलिस विभिन्न अपराधों में उसके शामिल रहने से जुड़े सभी मामलों से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। हालांकि उन्होंने श्रोताओं के इस सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया कि क्या इस घटनाक्रम से भारत में सर्वाधिक वांछित दाऊद इब्राहीम की गिरफ्तारी हो सकती है।
मुंबई अपराध शाखा के एक अधिकारी ने राजन के अपराधों पर दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया से केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों को अवगत कराया। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मुंबई पुलिस से उन अपराधों के बारे में एक विस्तृत दस्तावेज तैयार करने के लिए कहा है जिन्हें गिरफ्तार किये गए भगोड़े छोटा राजन ने भारत में अंजाम दिया, जहां वह 75 से अधिक मामलों में वांछित है। इसमें खोजी पत्रकार जे डे की हत्या में उसकी संदिग्ध भूमिका भी शामिल है। निर्देशों के बाद अपराध शाखा ने 55 वर्षीय सरगना के अपराध इतिहास को तैयार करने के लिए एक टीम का गठन किया है। छोटा राजन दो दशक से फरार था। जब पूछा गया कि क्या संबंधित अधिकारी को दस्तावेजों के साथ दिल्ली जाना है, इस पर मुंबई पुलिस के प्रवक्ता धनंजय कुलकर्णी ने कोई ब्योरा नहीं दिया।
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