कनाडा से अमेरिका में बिना दस्तावेज के कई भारतीय इस समय एंट्री ले रहे हैं। कई ऐसे भी भारतीय सामने आए जो कनाडा से यूके में इस समय असाइलम की कोशिश कर रहे हैं। सीबीपी का डेटा बताता है कि अकेले जून महीने में 5152 बिना दस्तावेज वाले भारतीयों ने कनाडा से अमेरिका में एंट्री की थी।

अमेरिका-कनाडा, सबसे बड़ी सीमा

इस पूरे विवाद में अहम तथ्य यह भी है कि अमेरिका और कनाडा सबसे लंबा बॉर्डर शेयर करते हैं। 9000 किलोमीटर की सीमा दोनों देशों के बीच में रहती है। अमेरिका-मेक्सिको सीमा से दो गुना ज्यादा बड़ी सीमा कनाडा-अमेरिका की है। अगर भारत-चीन सीमा की बात करें उससे तो यह वाली सीमा तीन गुना ज्यादा लंबी बैठती है। अब क्योंकि बिना दस्तावेज की एंट्री हो रही है, इस वजह से सीमा पर एनकाउंटर की घटना भी बढ़ चुकी हैं। कई भारतीयों को डिपोर्ट भी करना पड़ता है।

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यूके में बढ़ती शरण लेने की मांग

अब यूके को लेकर अहम आंकड़ा सामने आया है। 2022 में 1170 भारतीय यूके में असाइलम चाहते थे। यह 136 फीसदी का बड़ा और निर्णायक इजाफा है। 2021 में यह आंकड़ा सिर्फ 495 था। अभी के लिए अमेरिका और यूके दोनों ने कनाडा के सामने इस बात को लेकर आपत्ति दर्ज करवा दी है । एक तरफ अमेरिका चाहता है कि वीजा स्क्रीनिंग को लेकर और ज्यादा सख्ति की जरूरत है, वही यूपी चाहता है कि कनाडा से आने वाले भारतीयों को एक ट्रांसिट वीजा लेना चाहिए।

विवाद पर कनाडा का क्या रुख?

कनाडा की तरफ से IRCC की प्रवक्ता ने कहा है कि अभी इस समय अमेरिका और यूके की आपत्ति पर खुलकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। कनाडा स्थिति को और बेहतर तरीके से समझने के लिए विवाद की जड़ तक जाने की कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ यूके होम ऑफिस की तरफ से भी दो टूक कहा गया है कि किसी को भी इसी तरह से असाइलम नहीं दिया जाता है बल्कि हर किसी को मेरिट के आधार पर उसका बैकग्राउंड चेक कर असाइलम देने का फैसला होता है।

कनाडा भी पसंद आ रहा भारतीयों को

वैसे ऐसा नहीं है कि सिर्फ यूके में ही असाइलम की कोशिश हो रही हो, कनाडा में भी ऐसे मामले काफी तेज गति से बढ़ रहे हैं। रिफ्यूजी प्रोटेक्शन डिवीजन यानी कि आरपीडी के आंकड़े बताते हैं कि 2023 में 9060 ऐसी एप्लीकेशन सामने आई थीं, वहां भी जनवरी मार्च के क्वार्टर में आंकड़ा 6056 रहा।

यूके में कैसे बढ़ा असाइलम लेने का क्रेज?

वैसे अगर यूके की बात करें तो 2003 में सबसे ज्यादा 930 भारतीयों ने वहां असाइलम मांगा था। 2005 तक वो आंकड़ा गिरकर 102 पहुंच गया। उसके बाद 2019 तक एक बार भी ऐसा मौका नहीं आया जब 100 का आंकड़ा भी पार हुआ हो। लेकिन जब कोरोना की पाबंदियां कम होती चली गई, यूके में भारतीयों का असाइलम मांगने का सिलसिला भी बढ़ता चला गया। 2021 इसका सबसे बड़ा उदाहरण है जब 318 भारतीयों ने यूके में असाइलम मांगा था।

Jay Mazoomdaar की रिपोर्ट