अब सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी भगवान राम की मूर्ति लग रही है। कनाडा के मिसिसॉगा शहर में भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति लगी है। ये नॉर्थ अमेरिका में भगवान राम की सबसे ऊंची मूर्ति है। 7 अगस्त को भगवान राम की 51 फुट ऊंची विशाल मूर्ति का ओंटारियो के मिसिसॉगा स्थित हिंदू हेरिटेज सेंटर में अनावरण किया गया। इस मूर्ति के स्थापना की प्रेरणा अयोध्या स्थित राम मंदिर से ली गई है। ये मूर्ति स्टील से बनाई गई है और 200 किमी के रफ़्तार की हवा को भी ये सहन कर सकती है।

4 साल पहले हुई थी प्रोजेक्ट की शुरुआत

इस मूर्ति की लाइफ 100 साल तक बताई जा रही है। इस मूर्ति के अलग-अलग पार्ट्स को दिल्ली में बनाया गया और उसके बाद कनाडा भेजा गया। कनाडा में इसके अलग-अलग पार्ट्स को जोड़ा गया। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत 4 साल पहले हुई थी। इस प्रोजेक्ट के लिए इंडो-कैनेडियन बिजनेसमैन ने फंडिंग की थी. इस मूर्ति की खासियत यह है कि जब भी कोई विमान टोरंटो के पीयरसन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंड करेगा, तो ऊपर से मूर्ति साफ दिखाई देगी।

हिंदू हेरिटेज सेंटर के संस्थापक आचार्य सुरिंदर शर्मा शास्त्री ने कहा, “यह समुदाय के लिए एक आध्यात्मिक उपहार है।” मिसिसॉगा की मेयर कैरोलिन पैरिश ने इस मूर्ति को मिसिसॉगा के हिंदू समुदाय के लिए एक मील का पत्थर बताया और इस स्थापना के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व को स्वीकार किया।

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51 फीट है मूर्ति की ऊंचाई

हिंदू हेरिटेज सेंटर ने बताया कि मूर्ति की जो ऊंचाई है, उसमें नीचे का सात फीट ऊंचा चबूतरा शामिल नहीं है। इसके अलावा भविष्य में एक छत्र (छाया देने वाला स्ट्रक्चर) भी लगाया जाएगा। जब ये मूर्ती यहां स्थापित की गई तब हजारों की संख्या में लोग यहां पहुंचे थे और कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

इस कार्यक्रम के मुख्य आयोजक कुशाग्र शर्मा ने कहा, “दिल्ली में निर्मित और पिछले चार सालों में कनाडा में निर्मित इस प्रतिमा में एक स्टील का स्ट्रक्चर है जिसे 200 किमी/घंटा तक की तेज हवाओं को झेलने और कम से कम एक सदी तक टिके रहने के लिए डिजाइन किया गया है। अपने विशाल आकार और रणनीतिक स्थान के कारण यह प्रतिमा पियर्सन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को दिखाई देती है—जिससे यह अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए कनाडा की पहली झलक बन जाती है।”