अमेरिका के कैलिफोर्निया में भारी हथियारों से लैस एक युवा दम्पति ने गुरुवार को विकलांगों के एक केंद्र में क्रिसमस पार्टी के दौरान अंधाधुंध गोलीबारी की जिससे कम से कम 14 लोग मारे गए और 17 अन्य लोग घायल हो गए। अमेरिका में वर्ष 2012 के बाद से यह सबसे घातक गोलीबारी है।
हमलावरों ने सान बर्नांदिनो के इनलैंड रीजनल सेंटर में पार्टी को निशाना बनाया और हमला करने के बाद दोनों एक काली एसयूवी से फरार हो गए। पुलिस ने काफी दूर तक उनका पीछा किया और फिर दोनों पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए। दोनों हमलावर ‘लड़ाकू शैली की पोशाक’ में थे।
सान बर्नांदिनो पुलिस प्रमुख जैरोड बुर्गुआन ने मुठभेड़ में मारी गई महिला की पहचान 27 वर्षीय तशफीन मलिक और पुरूष की पहचान 28 वर्षीय सैयद रिजवान फारूक के रूप में की है। दोनों पाकिस्तान मूल के थे।
फारूक के साले फरहान खान के अनुसार फारूक और मलिक शादीशुदा थे और उनकी छह माह की एक बेटी है। फारूक का जन्म अमेरिका में हुआ था और अमेरिकी नागरिक था। वह काउंटी स्वास्थ्य विभाग में एक पर्यावरण विशेषज्ञ था और कभी कभी इनलैंड रीजनल सेंटर में भी काम करता था। बुर्गुआन ने बताया कि फारूक पार्टी बीच में था और किसी विवाद के चलते वह गुस्से में आ गया।
बुर्गुआन ने कहा कि वह और उसकी पत्नी विस्फोटक उपकरणों, राइफलों एवं बंदूकों के साथ लौटे। दोनों ‘‘गहरे रंग की युद्धक शैली की पोशाक’’ में थे। उन्होंने कहा, ‘‘हमें फिलहाल (उनकी) मंशा के बारे में कुछ पता नहीं है। हमने आतंकवाद की संभावना से इनकार नहीं किया है। ’’
पुलिस प्रमुख ने कहा, ‘‘जिस तरह वे लैस थे, उसके आधार पर (हम कह सकते हैं कि) इसके पीछे कुछ सोची समझी रणनीति होगी। मैं नहीं समझता कि वे महज घर गए, इन कपड़ों को पहना, हथियार लिए और कुछ ही क्षणों में लौट आए।’’
पुलिस के अनुसार इस गोलीबारी में 14 लोगों की मौत हो गयी और यह ‘‘बड़े पैमाने पर गोलीबारी’’ थी। गोलीबारी में 17 लोग घायल हो गए जिनमें अधिकतर लोग स्वचालित राइफल की गोलियों से घायल हुए हैं। कुछ लोग घबराहट में खुद को बचाने की कोशिश करते समय घायल हो गए। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक अधिकारी ने कहा, ‘‘बम की तरह दिखने वाला एक उपकरण भी वाहन से बाहर फेंका गया।’’
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा, ‘‘हमें ऐसा कभी नहीं सोचना चाहिए कि यह सामान्य घटना है क्योंकि इतनी जल्दी-जल्दी ऐसी घटनाएं किसी अन्य देश में नहीं होती।’’ वर्ष 2012 में कनेक्टिकट के एक प्राथमिक स्कूल में हुए जनसंहार के बाद यह अब तक की सबसे घातक गोलीबारी है। कनेक्टिकट की घटना में 26 लोग मारे गए थे।