World News: ब्रिटेन सरकार अपनी ‘पहले निर्वासन, बाद में अपील’ योजना का विस्तार कर रही है। इसके अंतर्गत अब 8 और देशों के विदेशी अपराधियों को शामिल किया जाएगा। इसको लेकर मंत्रियों का कहना है कि नीति के विस्तार का मकसद जेलों में भीड़भाड़ कम करना और अपराध के बारे में जनता की चिंताओं को दूर करने का प्रयास है।
विस्तारित सूची में अब भारत, बुल्गारिया, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, अंगोला, बोत्सवाना, ब्रुनेई, गुयाना, इंडोनेशिया, केन्या, लातविया, लेबनान, मलेशिया, युगांडा और जाम्बिया आदि देश शामिल हैं। इस योजना को पहली बार 2014 में कंज़र्वेटिव पार्टी के शासनकाल में शुरू किया गया था और 2023 में इसे फिर से लागू हो गया है।
अपील से पहले शुरू हो जाती है निर्वासन की प्रक्रिया
इस नीति के तहत विदेशी अपराधियों को अपील की सुनवाई से पहले ही निर्वासन की प्रक्रिया शुरू हो जाती है। ऐसे में अपराधी को यह साबित करना होता है कि उसे अपने देश में नुकसान हो सकता है। ब्रिटेन की यह नीति पहले से ही तंजानिया, फ़िनलैंड, एस्टोनिया और बेलीज़ जैसे देशों के नागरिकों पर लागू है।
इस नीति को लेकर न्याय सचिव शबाना महमूद ने निश्चित अवधि की सज़ा काट रहे विदेशी अपराधियों को दोषसिद्धि के तुरंत बाद निर्वासित करने की योजना की घोषणा की है, जिससे वे ब्रिटेन वापस नहीं लौट पाएंगे। आतंकवाद या हत्या जैसे मामलों में आजीवन कारावास की सज़ा काट रहे अपराधी, निर्वासन से पहले ब्रिटेन में अपनी पूरी सज़ा काटेंगे।
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इमिग्रेशन पॉलिसी के उल्लंघन पर लगाम लगाने की प्रयास
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार गृह सचिव यवेट कूपर ने कहा कि इसका उद्देश्य विदेशी अपराधियों को अपील के दौरान महीनों या वर्षों तक ब्रिटेन में रहकर इमिग्रेशन पॉलिसी के उल्लंघन से रोकना है। कंजर्वेटिव पार्टी के दो पूर्व न्याय सचिवों, एलेक्स चाक और रॉबर्ट बकलैंड ने चेतावनी दी है कि ये बदलाव न्यायिक प्रक्रिया को कमज़ोर कर सकते हैं। चाक ने द गार्जियन को बताया कि इस कदम से ब्रिटेन अपराधियों के लिए एक आकर्षण का केंद्र बन सकता है, क्योंकि बलात्कारियों, चोरों और घरेलू हिंसा करने वालों सहित कुछ निर्वासित अपराधियों को जेल की सज़ा काटने से राहत मिल सकती है।
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बता दें कि मूल योजना को 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने गैरकानूनी करार दिया था। कोर्ट ने कहा था कि यह अपराधियों को अपीलों में लाइव गवाही देने से रोकती है। बाद में सरकार ने वीडियो लिंक के ज़रिए गवाही देने के लिए समझौते पेश किए। न्याय मंत्रालय के अनुसार इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि निर्वासित अपराधी अपने देश में जेल की सजा काटेंगे।
अधिकारियों का कहना है कि जुलाई 2024 में लेबर के सत्ता में आने के बाद से 5,179 दोषी विदेशी नागरिकों को निर्वासित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 14% की वृद्धि है।
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