वाशिंगटन। अमेरिका और एशिया में कई जगहों पर बुधवार को पूर्ण चंद्रहण का नायाब नजारा देखने को मिला। दूधिया रोशनी से धरती को रोशन करने वाला चांद कुछ जगहों पर सूरज की तरह दहकता अंगारा नजर आया। यों लगा कि रात में चांद की जगह सूरज ड्यूटी करने पहुंच गया।

भारतीय मानक समय के अनुसार पूर्ण चंद्रग्रहण की शुरुआत बुधवार दोपहर 2.44 बजे हुई और यह शाम छह बजकर चार मिनट सात सेकेंड पर खत्म हो गया। सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा की लुकाछिपी वाला खगोलीय घटनाक्रम तीन घंटे 20 मिनट तक चला। पूर्ण चंद्रग्रहण के चरम स्तर पर पहुंचने पर चंद्रमा करीब 23 मिनट तक पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढका दिखाई दिया। अमेरिकी अंतरिक्ष एजंसी नासा समेत दुनिया की कई अंतरिक्ष एजंसियों और वैज्ञानिकों ने इस खगोलीय गतिविधि पर अपनी नजर रखी थी।

संयुक्त राज्य अमेरिका के पूर्वी तट पर स्थानीय समय के अनुसार अपराह्न चार बजे से चंद्रग्रहण की शुरुआत हुई। वहां सूर्योदय तक यह नजारा दिखता रहा। हांगकांग के आसमान में चांद के आते ही शाम छह बजे से ग्रहण की शुरुआत हुई। उसके आधे घंटे के बाद पूर्ण ग्रहण का नजारा दिखा। हांगकांग म्यूजियम ने बंदरगाह के किनारे लोगों को चंद्रग्रहण का नजारा दिखाने के लिए टेलिस्कोप का इंतजाम किया था। तोक्यो में फैशन के लिए मशहूर जिले रोप्पोंगी में लोगों ने लाल चंद्रमा के साए में योग किया। यहां लोग चंद्रग्रहण देखने के लिए बहुमंजिला इमारतों पर खड़े थे। आस्ट्रेलिया के पूर्वी तट पर चंद्रग्रहण के महज एक घंटे पहले आसमान को बादलों ने ढक लिया था। सिडनी वेधशाला ने लोगों को वीडियो के जरिए चंद्रग्रहण का नजारा दिखाया।

आॅकलैंड स्टारटडोम वेधशाला और तारामंडल के मुताबिक चांद न्यूजीलैंड के आसमान के आखिरी छोर पर पहुंच गया था। वहीं नासा के रोबोटिक टेलिस्कोप की मदद से कई लोगों ने पूर्ण चंद्रग्रहण का नजारा देखा। भारत में चंद्रग्रहण का सबसे अच्छा नजारा पूर्वोत्तर हिस्से में डिब्रूगढ़, इंफल और कोहिमा जैसे शहरों में नजर आया, जहां देश के दूसरे इलाकों के मुकाबले चंद्रोदय जल्दी होता है।