श्वेत पुलिस अधिकारी की गोली से मारे गए अश्वेत किशोर की मौत के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए प्रदर्शनकारियों के छोटे-छोटे समूहों ने एक बार फिर एकत्र होकर अपने समर्थकों से अनुरोध किया कि वे ब्लैक फ्राइडे के दिन शिकागो के मशहूर मिशिगन ऐवेन्यू शॉपिंग डिस्ट्रिक्ट को बंद करने के प्रयासों में सहयोग करें। ब्लैक फ्राइडे खरीददारी के लिहाज से सालभर के सबसे व्यस्त दिनों में से एक है।

लगभग दो दर्जन प्रदर्शनकारी बुधवार को मेयर आर एमानुएल के सिटी हॉल स्थित कार्यालय के बाहर जुटे। इससे एक ही दिन पहले प्रशासन ने एक ग्राफिक वीडियो जारी किया था, जिसमें दिखाया गया है कि अधिकारी ने 17 साल के लाक्वान मैक डोनाल्ड को 16 बार गोली मारी। अधिकारी जेसन वान डाइक पर प्रथम डिग्री हत्या का आरोप लगा था।
इस पुलिस अधिकारी से जुड़ा डाटाबेस दिखाता है कि इसके खिलाफ कम से कम 20 शिकायतें दर्ज हुई थीं लेकिन यह कभी भी अनुशासित नहीं रहा।

यह मामला एडवर्ड नैन्से के लिए विशेष तौर पर तकलीफदेह रहा है। उन्होंने अपनी चोटों के लिए 3.5 लाख डॉलर का फैसला अपने पक्ष में हासिल किया था। ये चोटें उन्हें 2007 में वेन डाइक और उसके सहयोगी द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर आई थीं। नैन्से के वकील माइकल मैकक्रीडी ने शिकागो सन-टाइम्स से कहा, इसने उन्हें अंदर तक हिला दिया है।

मैकक्रीडी ने कहा, उन्होंने कहा कि यदि उन लोगों ने इस पुलिसकर्मी के बारे में हमारे मामले में ही कुछ कर लिया होता तो यह युवा लड़का जिंदा होता। वेन डाइक शहर की विवादास्पद और अब प्रतिबंधित हो चुकी टैक्टिकल रिस्पांस यूनिट का सदस्य था, जो ज्यादा अपराध वाले इलाकों में गश्त करती थी। उसने नैन्से को इसलिए बाहर घसीट लिया था क्योंकि उसकी कार पर सामने लगाई जाने वाली लाइसेंस प्लेट नहीं थी।

नैन्से ने जांचकर्ताओं को बताया था कि वेन डाइक के साथी ने इनका सिर कार के हुड पर दे मारा था। इसके बाद वेन ने हिंसक व्यवहार करते हुए इन्हें हथकड़ी लगाई और स्कवॉयड कार में पटक दिया। सन-टाइम्स ने कहा कि स्वतंत्र पुलिस समीक्षा बोर्ड ने शिकायत खारिज कर दी थी क्योंकि नैन्से की चोटों के कारण को तय करने के लिए कोई स्वतंत्र प्रत्यक्षदर्शी या तरीका नहीं था।

अखबार ने कहा कि वेन के खिलाफ सात अन्य शिकायतों में भी अत्यधिक बल प्रयोग का आरोप है। दो मामलों में तो बंदूक के प्रयोग करने की भी बात है। वीडियो जारी होने के बाद से अमेरिका में कानून प्रवर्तन अधिकारियों द्वारा बल के प्रयोग पर एक बार फिर बहस छिड़ गई है।

प्रदर्शनकारियों ने लाक्वान मैकडोनाल्ड की हत्या को पिछले साल फर्ग्युसन में एक श्वेत पुलिस अधिकारी की गोली से मारे जाने वाले अश्वेत किशोर माइकल ब्राउन की हत्या जैसा ही माना है। उस समय भी अश्वेत पुरूषों के प्रति पुलिस की क्रूरता के प्रति अमेरिका के बड़े शहरों में 15 माह तक प्रदर्शन चले थे। प्रदर्शनकारियों ने शिकागो या किसी दूसरी जगह पर पुलिस की गोली से मारे गए अश्वेत लोगों की तस्वीरें लगे बैनर पकड़े हुए थे। कई प्रदर्शनकारियों ने कहा कि वे शिकागो अधिकारियों द्वारा मारे गए अश्वेत पुरूषों के माता-पिता हैं।

प्रदर्शनकारी कोवादिस ग्रीन ने कहा, आप हमारे बच्चों को मारकर हमसे और अधिक चुप रहने की अपेक्षा नहीं कर सकते। यह अस्वीकार्य है। बीते साल में अश्वेतों की हत्याओं के बाद से देशभर में अश्वेतों की जिंदगी कीमती है नामक आंदोलन उभरा है। इससे इस मुद्दे को वर्ष 2016 के राष्ट्रपति पद के प्रचार अभियान में भी प्रमुखता मिली है।