Black Hole Event Horizon LIVE: अंतरिक्ष विज्ञान में दिलचस्पी रखने वालों के लिए ब्लैक होल्स हमेशा से कौतूहल का विषय रहे हैं। हालांकि, अभी तक इसे किसी ने देखा नहीं था। वैज्ञानिकों ने पहली बार ब्लैक होल की तस्वीर खींचने में कामयाबी पाने का दावा किया है। वैज्ञानिकों ने इसे एक बड़ी उपलब्धि मानते हुए ‘ब्रेकथ्रू’ करार दिया है। दुनिया भर के आठ रेडियो टेलिस्कोप के समूह ने इस तस्वीर को खींचने में मदद की है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक ऐतिहासिक पल है क्योंकि इससे ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे। जो तस्वीर सामने आई हैं, उसमें गैस और धूल का परिवेश नजर आता है। जिस ब्लैकहोल की तस्वीर ली गई है, वह पृथ्वी से 5 करोड़ 50 लाख प्रकाश वर्ष दूर स्थित है। बता दें कि सैद्धांतिक तौर पर ब्लैकहोल एक ऐसा ब्रह्मांडीय जाल है, जिससे प्रकाश या कोई भी भौतिक द्रव्य पार नहीं जा सकता। इसे देखा नहीं जा सकता था।
Watch: First Image of Black Hole Event Horizon Here
सामान्य सापेक्षता के सिद्धांत के अनुसार, ब्लैक होल ऐसी खगोलीय वस्तु होती है जिसका गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र इतना शक्तिशाली होता है कि प्रकाश सहित कुछ भी इसके खिंचाव से बच नहीं सकता।
इसे ब्लैक होल इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह अपने ऊपर पड़ने वाले सारे प्रकाश को अवशोषित कर लेता है और कुछ भी रिफ्लेक्ट (प्रतिबिंबित) नहीं करता।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के खगोलविद् और ब्लैक होल के एक विशेषज्ञ पॉल मैक्नमारा ने बताया कि ब्लैक होल में इतना मजबूत गुरुत्वाकर्षण है कि तारे 20 वर्ष में इसकी परिक्रमा करते हैं। हमारी सौर प्रणाली में आकाशगंगा की परिक्रमा में 23 करोड़ साल लगते हैं।
यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के खगोलविद् और ब्लैक होल के एक विशेषज्ञ पॉल मैक्नमारा ने कहा कि पिछले 50 वर्ष से अधिक समय से वैज्ञानिकों ने देखा है कि हमारी आकाशगंगा के केंद्र में कुछ बहुत चमकीला है।
वैज्ञानिकों का मानना है कि यह एक ऐतिहासिक पल है क्योंकि इससे ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।
ब्लैकहोल का पहला फोटो बुधवार को सामने आया। तस्वीर के बीचो-बीच काले रंग का छेद है, जो कि ब्लैक होल बताया जा रहा है। उसके बाहरी घेरे में पीले रंग की परत है। गौर से देखने ऐसा लगता है मानो पीले रंग वाला हिस्सा बढ़-घट रहा हो। वहीं, बैकग्राउंड में काला रंग, जो कि अंतरिक्ष बताया जा रहा है।
ब्लैकहोल की तस्वीर सामने आने से पहले अभी तक इसकी कल्पना ही की जाती रही है। कई विज्ञान गल्प पर आधारित फिल्मों और लिटरेचर में ब्लैकहोल को पर्याप्त जगह मिली है।
ब्लैक होल की जो तस्वीर सामने आई है, उसमें हमें ब्लैकहोल के बाहरी चक्र का आभास होता है। यह धूल और गैस से भरी गोलाकार आकृति के तौर पर नजर आती है।
इवेंट होरिजन टेलिस्कोप प्रोजेक्ट के डायरेक्टर और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के सीनियर फेलो रिसर्चर शेफर्ड डोलेमन ने कहा, 'ब्लैक होल्स ब्रह्मांड की सबसे रहस्यमयी चीजों में शामिल है। हमने उसे देखा है, जिसे अभी तक अदृश्य माना जाता था। हमने ब्लैक होल की तस्वीर देखी है।'
इन ऐतिहासिक तस्वीर को इवेंट होरिजन टेलिस्कोप के जरिए खींचा गया है। यह अंटार्कटिका से लेकर स्पेन और चिली तक दुनिया भर में फैले 8 रेडियो टेलिस्कोप का नेटवर्क है। इस कवायद में 200 से ज्यादा वैज्ञानिक लगे हुए थे।